राजमहल (साहिबगंज), मनोज कुमार यादव : राजमहल स्थित उत्तरवाहिनी गंगा तट पर अंतिम संस्कार के लिए लोगों को लकड़ी की किल्लत से दो-चार होना पड़ रहा है. दुमका के हिरणपुर, लिट्टीपाड़ा, अमलापाड़ा, बरहेट, लालमाटी, बरहरवा क्षेत्र से लोग अंतिम संस्कार के लिए यहां पहुंचते हैं, लेकिन यहां के श्मशान घाट में लकड़ी नहीं मिलने से काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.
शव को जलाने के लिए बोरियो से साथ लाना पड़ा लकड़ी
जानकारी के अनुसार, पिछले दिनों बोरियों से एक शव लेकर आये लोगों को श्मशान घाट में लकड़ी उपलब्ध नहीं रहने से काफी भटकना पड़ा है. काफी मशक्कत के बाद परिजनों को फोन कर बोरियो से लकड़ी मंगवाया गया, तब जाकर शव का अंतिम संस्कार किया गया है. इसके अलावा बाढ़ के कारण गंगा तट पर शव रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में जगह भी नहीं बचा है. नगर पंचायत द्वारा श्मशान घाटों की नीलामी भी हुई. इसके तहत प्रत्येक शव के अंतिम संस्कार के लिए उनके परिवार वालों से 100 रुपये लिये जाते हैं. इसके बावजूद कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है.
लकड़ी कटाई कम होने से हुई परेशानी
मधुसूदन कॉलोनी में अंतिम संस्कार करने के लिए दो व्यक्तियों द्वारा लकड़ी बेचा जाता था, लेकिन उनका कहना है कि अभी लकड़ी की कटाई कम हो गई है. पहले लकड़ी पहुंचा कर दे जाते थे, लेकिन अब प्रशासन के डर से कोई लकड़ी लाना नहीं चाहता है जिससे लकड़ी लाने में असुविधा हो रही है
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नगर पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष ने कही बात
नगर पंचायत अध्यक्ष केताबुदीन शेख ने कहा कि श्मशान घाट में कार्य कर रहे ठेकेदार द्वारा लापरवाही की गई है जिसकी वजह से कम समय में कटाव हो गया और श्मशान घाट का जगह नहीं बचा. वहीं, नगर उपाध्यक्ष पार्थ कुमार दत्ता ने बताया कि श्मशान घाट की सफाई के लिए रंजीत की देखरेख के लिए दिया गया है. अगर सफाई नहीं किया गया, तो उसे सफाई कर दिया जाएगा. श्मशान घाट के लिए जगह चिह्नित किया गया है. बहुत जल्द बनकर तैयार हो जाएगा.
अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी के लिए प्रशासन को दे जानकारी
वहीं, अनुमंडल पदाधिकारी रोशन कुमार साह ने कहा कि अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी ले जा रहे लोगों को प्रशासन को जानकारी दे. कहा कि बड़े आकार की जगह छोटे लकड़ी अपने साथ ले जा सकते हैं. वहीं, लोग जलावन की लकड़ी ले जा सकते हैं.