Scholarship Scam: खुल रही है घोटाले की परत, जांच के घेरे में पूर्व जिला कल्याण पदाधिकारी
अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली प्रीमैट्रिक छात्रवृत्ति में घोटाले की जांच की आंच अब पूर्व जिला कल्याण पदाधिकारी पूनम कच्छप तक पहुंच गयी है. पूनम कच्छप दयानंद दुबे से पहले इस पद पर प्रभार में थीं.
धनबाद : अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली प्रीमैट्रिक छात्रवृत्ति में घोटाले की जांच की आंच अब पूर्व जिला कल्याण पदाधिकारी पूनम कच्छप तक पहुंच गयी है. पूनम कच्छप दयानंद दुबे से पहले इस पद पर प्रभार में थीं. उनके कार्यकाल में भी छात्रवृत्ति वितरण में फर्जीवाड़ा के साक्ष्य मिले हैं. इसका खुलासा उपायुक्त द्वारा एडीएम लॉ एंड ऑर्डर चंदन कुमार के नेतृत्व में गठित जांच टीम की रिपोर्ट से हुआ है.
टीम ने उनके कार्यकाल में वितरीत की गयी छात्रवृत्ति में जांच की आवश्यकता बतायी है. जांच टीम ने इस संभावना से इनकार नहीं किया है कि उनके कार्यकाल में भी सरकारी राशि की गबन हुआ है, और उनकी संलिप्तता इसमें नहीं है. इसे देखते हुए सुश्री कच्छप के कार्यकाल के विस्तृत जांच की अनुशंसा की गयी है.
चतरा से हुई थी शुरुआत : राज्य में सबसे पहले वर्ष 2017-18 के दौरान चतरा में छात्रवृत्ति के वितरण में फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ था. उस वर्ष चतरा में 9.3 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था. बताया जाता है कि इस घोटाले में शामिल कई जालसाज उस समय कानूनी कार्रवाई से बच गये थे. इसके बाद एक वर्ष तक शांत रहने के बाद उस घोटले में कानूनी कार्रवाई से बचे लोगों ने नया गैंग बना लिया. धनबाद को अपना निशाना बनाया है. उनके काम करने का तरीका भी बिल्कुल वहीं रहा है. जैसा कि उन लोगों ने चतरा में किया था. उस मामले में वहां कल्याण पदाधिकारी समेत विभाग के कर्मियों को जेल जाना पड़ा था. इस बार धनबाद में इसके आसार बनने लगे हैं.
धनबाद में सबसे अधिक छात्रवृत्ति
धनबाद 13506
गिरिडीह 4452
बोकारो 377
चतरा 6
देवघर 445
दुमका 3189
गढ़वा 4286
गोड्डा 465
गुमला 7153
हजारीबाग 4712
जामताड़ा 208
खुंटी 287
कोडरमा 583
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लंबे समय से सक्रिय है चतरा गैंग : जिस चतरा गैंग के ऊपर वर्ष 2019-20 के दौरान जिले में करीब 10 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले को अंजाम देने का आरोप है. वह धनबाद में लंबे समय सक्रिय है. उनके संपर्क में कल्याण विभाग के कर्मी पहले से हैं. यह बात भी सामने आ रही है कि इस गैंग ने वर्ष 2017-18 और 2018-19 के दौरान भी जिले में कई छात्रों में कल्याण विभाग के कर्मियों से साठगांठ कर फर्जी छात्रों को छात्रवृत्ति दिलायी गई थी. लेकिन वर्ष 2019-20 के दौरान इस गैंग ने बड़े स्तर पर इस घोटाले को अंजाम दिया है.
गैंग के सदस्य हाल तक थे सक्रिय : चतरा गैंग के सदस्य 2020-21 के दौरान भी बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा करने के फिराक में थे. इस बार उनका इरादा पहले से अधिक स्कूलों को इसमें शामिल करना था. वे इसमें कामयाब भी हो चले थे. वर्ष 2020-21 के छात्रवृत्ति के लिए स्कूलों के निबंधन की अंतिम तिथि 15 नवंबर है. अब तक 400 से अधिक स्कूलों ने निबंधन के लिए आवेदन दे दिया है. लेकिन जैसे वर्ष 2019-20 के दौरान छात्रवृत्ति के वितरण बड़े पैमाने पर हुए फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ. इस गैंग के सदस्यों ने अपना काम रोक दिया.
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Posted by: Pritish Sahay