करीब 9.5 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले मामले में चतरा पुलिस की कार्रवाई, देवघर से पूर्व DWO समेत अन्य गिरफ्तार
jharkhand news: चतरा पुलिस ने देवघर में छापामारी कर 9.33 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले मामले में चतरा के पूर्व जिला कल्याण पदाधिकारी आशुतोष कुमार को गिरफ्तार किया है. वहीं, गोड्डा से प्रयास एनजीओ के डायरेक्टर अभय कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है.
Jharkhand news: झारखंड के देवघर और चतरा जिले के कल्याण विभाग में हुए 9.33 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले में चतरा पुलिस ने देवघर में छापामारी की. इस दौरान देवघर के सलोनाटांड़ से चतरा के पूर्व जिला कल्याण पदाधािकारी (District Welfare Officer- DWO) आशुतोष कुमार को गिरफ्तार किया है. साथ ही इस मामले में चतरा पुलिस ने प्रयास एनजीओ के डायरेक्टर अभय कुमार को भी गोड्डा से गिरफ्तार किया है. चतरा लाये जाने के बाद दोनों को जेल भेज दिया गया.
बताया जाता है कि चतरा पुलिस सिमरिया एसडीपीओ अशोक कुमार प्रियदर्शी के नेतृत्व में छापेमारी करने देवघर व गोड्डा आयी थी. इधर, आशुतोष कुमार को बर्खास्त कर दिया गया है. आशुतोष देवघर में कार्यपालक दंडाधिकारी, मंडल कारा के प्रभारी जेल अधीक्षक सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थापित रह चुके थे.
19 लोग हैं आरोपी
मिली जानकारी के अनुसार, छात्रवृत्ति घोटाला मामले में 19 लोगों को आरोपी बनाया गया है. इसमें मुख्य रूप से पूर्व जिला कल्याण पदाधिकारी आशुतोष कुमार, भोलानाथ लागुरी, नाजिर इंद्रदेव प्रसाद, प्रधान सहायक काशी प्रसाद गुप्ता, एनजीओ सेनवर्ड के अधिकारी, प्रयास संस्था के अधिकारी के नाम शामिल हैं. 2 नवंबर, 2017 को विकास भवन में आग लगी थी, जिसमें कल्याण विभाग के सभी दस्तावेज जल कर नष्ट हो गये थे. घोटाले को लेकर प्रशासन की ओर से चतरा के सदर थाना में कांड संख्या 165/18 दर्ज कराया गया था.
गिरफ्तारी के बाद अभय कुमार ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि वे प्रयास संस्था के डायरेक्टर हैं. उन्हें वर्ष 2008 में एनजीओ का सदस्य बनाया गया था. उस वक्त वह मेदिनीनगर में मुरली प्रसाद के आवास पर रहते थे. एनजीओ का संचालन मुरली प्रसाद करते थे. बिना बताये उन्हें एनजीओ का डायरेक्टर बना दिया गया.
इतना ही नहीं, उनका फर्जी हस्ताक्षर कर जमानत के लिए झारखंड हाईकोर्ट में अर्जी दायर की गयी. वहीं, आशुतोष कुमार ने बताया कि नाजिर ने उनका फर्जी हस्ताक्षर कर पैसे की निकासी की थी. बैंक को खाता बंद करने के लिए घटना के दो माह पूर्व पत्र लिखा था. इसके बाद पैसे की निकासी की गयी.
Posted By: Samir Ranjan.