Scholarship scam: कोडरमा में DC ने 3 सरकारी सेवकों, 10 प्राचार्य व अन्य पर FIR का दिया आदेश

कोडरमा जिले में कल्याण विभाग से छात्रों को अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति देने के नाम पर किये गये घोटाले में बड़ी कार्रवाई हुई है. डीसी आदित्य रंजन ने गड़बड़ी के लिए जिम्मेवार माने जाने वाले 10 विद्यालयों के प्राचार्य व अन्य के साथ ही तीनों कर्मियों पर भी एफआईआर करने का आदेश दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 8, 2022 2:04 PM

Koderma news: कोडरमा जिले में कल्याण विभाग से छात्रों को अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति देने के नाम पर किये गये घोटाले में बड़ी कार्रवाई हुई है. डीसी आदित्य रंजन ने जहां इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेवार तीन सरकारी सेवकों, जिसमें अब एक सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने की स्वीकृति दी है. वहीं गड़बड़ी के लिए जिम्मेवार माने जाने वाले 10 विद्यालयों के प्राचार्य व अन्य के साथ ही तीनों कर्मियों पर भी एफआईआर करने का आदेश दिया है. यही नहीं, डीसी ने इस संबंध में जिला कल्याण पदाधिकारी को जल्द आगे की कार्रवाई करने की बात कही है. इस आदेश के बाद हड़कंप की स्थिति है.

क्या है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार जिले में वित्तीय वर्ष 2017-18 से लेकर 2020-21 के दौरान कल्याण विभाग की ओर से अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली प्री मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक और मैट्रिक सह मींस छात्रवृत्ति में गड़बड़ी का मामला इस वर्ष के शुरुआती माह में सामने आया था. इस संबंध में राज्य स्तर पर सामने आयी गड़बड़ी के बाद हर जिला को जांच का आदेश मिला था. कोडरमा में डीसी आदित्य रंजन ने अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में जांच टीम का गठन कर जांच करायी थी. टीम में एसडीओ, जिला कल्याण पदाधिकारी व जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी शामिल किया गया था.

छात्रवृत्ति घोटाला में की गई जांच

जांच टीम ने फरवरी 2022 में डीसी को सौंपी अपनी रिपोर्ट में गड़बड़ी की पुष्टि की थी. जांच के क्रम में 12 विद्यालयों में से 10 से संबंधित रिकार्ड में गड़बड़ी की बात सामने आयी थी. यही नहीं, जांच रिपोर्ट में इस बात का जिक्र था कि इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की जगह बाहरी युवाओं को छात्र के नाम पर छात्रवृत्ति का वितरण दिखाया गया है. कुल 1433 फर्जी छात्रों के नाम पर डेढ़ करोड़ रुपये का भुगतान करने का मामला सामने आया था. इसके बाद से इसके लिए जिम्मेवार कर्मियों व अन्य पर कार्रवाई की तलवार लटक रही थी. अब डीसी ने इस मामले में जिम्मेवार कल्याण विभाग के कर्मियों व संबंधित विद्यालय के प्राचार्य व अन्य पर एफआईआर का आदेश दिया है. जिन तीन कर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की स्वीकृति दी है, उसमें तत्कालीन नाजिर अब सेवानिवृत्त मो मोबिन, लिपिक प्रमोद मुंडा व कंप्यूटर ऑपरेटर मो हैदर शामिल हैं.

इन स्कूलों के प्राचार्य व अन्य पर होगी प्राथमिकी

डीसी ने जांच रिपोर्ट के आधार पर 10 विद्यालयों के प्राचार्य व अन्य पर एफआइआर का आदेश दिया है. हालांकि, जांच रिपोर्ट के अनुसार, 10 में से चार विद्यालयों का कोई अस्तित्व सामने नहीं होने की जानकारी भी सामने आयी है. जिन 10 विद्यालयों के प्राचार्य व अन्य पर एफआइआर का आदेश दिया गया है, उसमें ब्राइट होप पब्लिक स्कूल, उर्दू मिडिल स्कूल दारीकलान, उर्दू मिडिल स्कूल हरीना, उर्दू मिडिल स्कूल तेलावर के अलावा चाइल्ड प्रोग्रेसिव स्कूल असनाबाद, किड्जी स्कूल बहेरवाटांड़, स्वामी विवेकानंद विद्यासागर, मदरसा रसदिया करमा, एनपीएस फुटलहिया मरकच्चो, उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय घोरवाटांड़ चंदवारा शामिल हैं.

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