School Reopen News: फरवरी में खुल सकते हैं पश्चिम बंगाल के स्कूल, करना पड़ेगा इन नियमों का पालन

School Reopen News: पश्चिम बंगाल में फरवरी में स्कूलों को खोला जा सकता है. कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए स्कूलों को 10 महीने बाद फिर से खोलने की तैयारी की जा रही है. इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय को एक प्रस्ताव भेजा है. west bengal school reopen, paschim bangal mein school kab khulenge, paschim bangal mein school college kab khulega, school kab khulega west bengal, school kab khulega

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 24, 2021 8:54 PM

School Reopen News: कोलकाता : पश्चिम बंगाल में फरवरी में स्कूलों को खोला जा सकता है. कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए स्कूलों को 10 महीने बाद फिर से खोलने की तैयारी की जा रही है. इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय को एक प्रस्ताव भेजा है.

वैश्विक महामारी कोरोना के कारण पश्चिम बंगाल के स्कूल लगभग 10 महीने से बंद हैं. स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय को बताया गया है कि कोरोना के कारण मार्च, 2020 से राज्य के स्कूलों में कक्षाएं बंद हैं.

सीएमओ को बताया गया है कि जून में माध्यमिक व उच्च माध्यमिक की परीक्षाएं होंगी. जो छात्र इस वर्ष माध्यमिक व उच्च माध्यमिक की परीक्षा देंगे, उनके लिए ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था की गयी थी. लेकिन, वर्चुअल माध्यम से प्रैक्टिकल क्लास संभव नहीं है.

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ऐसी परिस्थिति में स्कूल शिक्षा विभाग ने फरवरी महीने से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चरणबद्ध तरीके से स्कूलों में कक्षाएं शुरू करने का प्रस्ताव दिया है. गौरतलब है कि इसे लेकर बहुत जल्द राज्य सचिवालय में बैठक होगी, जिसमें इस पर चर्चा की जायेगी.

इन राज्यों में खुल चुके हैं स्कूल

असम, बिहार, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, ओड़िशा, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों ने पहले ही स्कूलों को लॉकडाउन के बाद खोल दिया है. अब पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से भी स्कूलों को सुरक्षा के सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शॉर्ट नोटिस पर खोलने के संकेत दिये गये हैं.

कहा गया है कि अभिभावक भी बच्चों को स्कूलों में भेजना चाहते हैं, लेकिन कोराना महामारी की वजह से उत्पन्न खतरे के डर से बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं. इस बारे में यूनिसेफ का कहना है कि स्कूलों को फिर से खोलने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए, लेकिन यह एक ऐसा कार्य है, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, जल, सफाई, स्वच्छता (वॉश) और बाल संरक्षण मंत्रालयों के बीच सहयोग की आवश्यकता होगी.

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डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ ने हालिया रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना महामारी से पहले, दुनिया भर के पांच में से दो स्कूलों में हाथ धोने की बुनियादी सुविधाओं का अभाव था.

शौचालय व हाथ धोने जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव

अनाहत फॉर चेंज फाउंडेशन की सह-संस्थापक नम्रता दत्ता का कहना है कि अधिकांश स्कूलों में शौचालय तो हैं, लेकिन वे इस्तेमाल करने की स्थिति में नहीं हैं. हमलोग ऐसे स्कूलों में भी गये, जहां सफाई कर्मचारी सप्ताह में एक बार ही आते हैं या स्कूलों में फंड की कमी के कारण सफाई कर्मचारी होते ही नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि स्कूलों को फिर से खोलने के लिए सफाई संबंधी पहल जैसे समर्पित सफाई कर्मचारी, बेहतर और उपयोगी शौचालयों का निर्माण, जिसे नियमित रूप से साफ रखा जाये और इसके समानांतर बच्चों में साफ-सफाई की आदत को दुरुस्त किया जाना जरूरी है.

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कोलकाता मॉम्स क्लब की ग्रुप एडमिन, मोनिका अरोड़ा ने कहा कि महामारी के बाद फिर से स्कूल खोलने से पहले हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि स्कूलों में बच्चों के लिए शौचालय सुरक्षित और सुलभ हों. प्राथमिक विद्यालयों के शौचालयों में सुरक्षा और स्वच्छता बनाये रखने के लिए पूर्ण रूप से समर्पित हाउस कीपिंग कर्मचारी को भी शामिल करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चों के लिए स्वच्छ शौचालय रहें.

Posted By : Mithilesh Jha

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