आगरा. उम्र कभी किसी प्रतिभा की मोहताज नहीं होती. प्रतिभा उम्र से ऊपर बढ़कर बोलती है. ऐसा ही आगरा के सेंट पीटर्स (St. Peter’s College Agra) के बच्चों ने कर दिखाया. दसवीं और ग्यारहवीं के इन बच्चों ने ऐसे अद्भुत विज्ञान के मॉडल बनाए जिन्हें देखकर लोग अचंभित रह गया. बच्चों ने वातावरण को साफ रखने के लिए, बिना किसी को नुकसान पहुंचे कूड़े को री साइकिल करने और वातावरण में फैली तमाम तरह की जहरीली गैसों को दूर करने से संबंधित मॉडल बनाए. जिन्हें आगरा के सेंट पीटर्स स्कूल में लगी विज्ञान प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया.
सेंट पीटर्स में वैज्ञानिक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. इस प्रदर्शनी में 10th और 11 स्टैंडर्ड के तमाम बच्चों ने बॉटनी, फिजिक्स पर आधारित मॉडल बनाए. बच्चों के मॉडल जहां एक तरफ उनकी वैज्ञानिक कला को दर्शा रहे थे. विज्ञान प्रदर्शनी में दिखाए गए नन्हे बच्चों के मॉडल ने वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण और मृदा प्रदूषण को कम करने के तरीकों के बारे में भी जानकारी दी.
दसवीं कक्षा के राघव गोयल, अस्तित्व और अथर्व ने वातावरण में बढ़ रहे प्लास्टिक व अन्य तरह के वेस्ट को दूर करने और उसे आसानी से रीसायकल करने के तरीके से संबंधित मॉडल का प्रदर्शन किया. जिसमें राघव ने बताया कि किस तरह से हम कचरे को जलाकर उससे निकलने वाली हानिकारक गैस को फिल्टर करेंगे. जिससे वेस्ट के जलने के बाद निकलने वाला धुआं वातावरण को किसी भी तरह से प्रभावित नहीं करेगा.
11वीं कक्षा के जतिन मोनानी, मो फैजल और पार्थ मिश्रा ने वातावरण में व्याप्त हानिकारक गैस को वातावरण के अनुकूल किस तरह से बनाया जाए. इससे संबंधित एक मॉडल बनाया. जतिन ने बताया कि हमने कार्बन डी ऑक्साइड अब्जॉर्प्शन मशीन बनाई है. जिसकी मदद से हम वातावरण में व्याप्त हानिकारक गैस को अल्कली सॉल्यूशन की मदद से वातावरण के अनुकूल बना सकते हैं. और जब यह गैस फिल्टर होकर हवा में घुलेगी तो लोगों को सांस लेने में भी कोई दिक्कत नहीं होगी.
11वीं कक्षा के हर्षित अग्रवाल ने म्यूजिक फायर ट्यूब मॉडल बनाया. हर्षित ने बताया कि किस तरह से हम आग को म्यूजिक की धुन के अनुसार बबल कर सकते हैं. जिसके लिए उन्होंने एक लोहे के पाइप का प्रयोग किया. जिसमें छोटे-छोटे होल किए गए और गैस पास की गई. वहीं बगल में रखे एक स्पीकर को जब बजाया गया तो स्पीकर की धमक के साथ-साथ लोहे के पाइप से निकलने वाले आग की लौ भी वाइब्रेशन की मदद से बबल कर रही थी. इसके साथ ही स्कूल के तमाम बच्चों ने ऑटोमेटिक कार, ऑटोनॉमस कर और बॉटनी फिजिकल, केमिस्ट्री से संबंधित कई सारे मॉडल प्रदर्शित किए.