Bareilly: उत्तर प्रदेश के बरेली की मीरगंज तहसील के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) पर ऑफिस में एक युवक को मुर्गा बनाने का आरोप है. हालांकि, एसडीएम ने मुर्गा बनाने से इंकार किया है. उनका कहना है कि एक युवक अचानक ऑफिस आया और मुर्गा बन गया. इसके बाद पीछे से आए कुछ लोगों ने वीडियो बनाकर वायरल कर दी. इस मामले में डीएम ने जांच कराई.
इसके बाद दोषी एसडीएम को मीरगंज तहसील से हटाकर जिला मुख्यालय से अटैच कर दिया गया, जबकि यहां देश दीपक सिंह को एसडीएम बनाकर भेजा गया है. तहसील मीरगंज के मंडनपुर गांव निवासी एक युवक ने आरोप लगाया है कि श्मशान भूमि की पैमाइश कराने एसडीएम मीरगंज उदित पवार के पास पहुंचा था. उसका आरोप है कि कब्जे की शिकायत से नाराज एसडीएम ने उसे अपने ही कार्यालय में मुर्गा बना दिया.
बरेली देहात की तहसील मीरगंज के मंडनपुर गांव के पप्पू, जुक्खी, रामवीर, महेश, राजकुमार, पूरन लाल, धर्मपाल, गेंदन लाल, बाबू राम, हरी कृष्ण, ओमकार, प्रेमपाल, छोटे लाल शुक्रवार को एसडीएम से मिलने पहुंचे थे. उन्होंने गांव की श्मशान भूमि की पैमाइश और धार्मिक स्थल की जगह की समस्याओं को लेकर शिकायत की.
उन्होंने बताया कि गांव में दूसरे समुदाय के लोग श्मशान भूमि की जमीन को अपने कब्रिस्तान में मिलाकर कब्जा कर रहे हैं. श्मशान भूमि और कब्रिस्तान की जगह की पैमाइश कराने की मांग की. जिससे भविष्य में किसी तरह का कोई विवाद न हो सके. पप्पू ने बताया कि इस पर एसडीएम भड़क गए.
#WATCH | Uttar Pradesh | Bareilly DM Shivakant Dwivedi says, "A video came to my notice in which a person was made to sit on the floor in a humiliating position in the office of SDM Udit Pawar. It was investigated and prima facie, negligence of Mirganj SDM Udit Pawar has been… pic.twitter.com/BrPENj7j2t
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 16, 2023
उन्होंने कार्यालय में ही उन्हें मुर्गा बनाने का आरोप लगाया. इसके साथ ही मुर्गा बनाने कारण पूछा तो वह अभद्रता करने लगे. प्रमाण पत्र फेंकने का आरोप भी लगाया है. इसको देख बाकी ग्रामीणों ने इसका विरोध किया. मुर्गा बनाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा है.
एसडीएम मीरगंज उदित पवार ने बताया कि वह फरियादियों को सुन रहे थे. इसी बीच एक फरियादी के साथ एक दर्जन लोग दफ्तर में आ गए. इसमें से एक फरियादी आते ही मुर्गा बन गया. उससे कारण पूछा, तो उसने बताया मेरे गांव में कब्रिस्तान मौजूद हैं, लेकिन श्मशान भूमि की जगह नहीं है, जबकि खतौनी में दर्ज है. मैंने उसे जांच कराने की बात कही. इसके बाद वह उठा.
वहीं, इस मामले में डीएम शिवाकांत द्विवेदी का कहना है कि वायरल वीडियो की जांच कराई गई. प्रथम दृष्टया जांच में एसडीएम मीरगंज दोषी मिले हैं. इसके बाद जिला मुख्यालय अटैच कर दिया गया है. देश दीपक सिंह को भेजा गया है. इसके साथ ही मामले की जांच कराने की बात कही है.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली