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Kamika Ekadashi 2023: जानें कब मनाई जाएगी कामिका एकादशी, देखें तिथि और शुभ मुहूर्त

Kamika Ekadashi 2023: हर वर्ष सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी मनाई जाती है. आइए जानते हैं, कब रखा जाएगा सावन मास का दूसरा एकादशी व्रत तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा महत्व?

By Shaurya Punj | July 11, 2023 8:45 AM

Kamika Ekadashi 2023:   मान्यताओं का अनुसार भगवान विष्णु की उपासना के लिए समर्पित एकादशी व्रत रखने से जीवन में अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती है. हर वर्ष सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी मनाई जाती है. आइए जानते हैं, कब रखा जाएगा सावन मास का दूसरा एकादशी व्रत तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा महत्व?

कामिका एकादशी 2023 डेट (Kamika Ekadashi 2023 Date)

सावन महीने की कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि की शुरुआत 12 जुलाई 2023 को हो रही है. यह तिथि शाम को 5:59 से शुरू होगी जिसका समापन अगले दिन 13 जुलाई को शाम 6ः24 पर होगा. ऐसे में सूर्योदय तिथि को महत्व देते हुए कामिका एकादशी व्रत 13 जुलाई को रखा जाएगा. 13 जुलाई को गुरुवार का दिन है. यह दिन भगवान विष्णु को प्रिय होता है. ऐसे में यह एकादशी बहुत ही शुभ होगी.

कामिका एकादशी व्रत का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु को समर्पित कामिका एकादशी व्रत रखने से जीवन में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं. साथ ही एकादशी व्रत के दिन विधिवत पूजा-पाठ करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस विशेष दिन पर दान-धर्म का भी विशेष महत्व है. इसलिए इस दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न, धन या वस्त्र का दान करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके विशेष दिन पर तुलसी पूजन का भी विशेष महत्व है. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि एकादशी के दिन तुलसी का स्पर्श भूलकर भी ना करें. ऐसा करने से माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं.

कामिका एकादशी पूजा- विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं.

  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.

  • भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें.

  • भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें.

  • अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें.

  • भगवान की आरती करें.

  • भगवान को भोग लगाएं. इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है. भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें. ऐसा

    माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं.

  • इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें.

  • इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें.

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