Loading election data...

चांडिल के दाराकोचा फॉल का देखिये अद्भूत नजारा, ऊंचाई से गिरता पानी लोगों को कर रही आकर्षित, नक्सल प्रभावित क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का है अभाव

Jharkhand News (चांडिल, सरायकेला) : झारखंड को उसके प्राकृतिक सौंदर्य और असीमित पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है जहां जंगल, पहाड़, झरनों, मंदिरों के साथ-साथ कई जगह है जो अपनी सौंदर्यता से लोगों को अपनी और आकर्षित करती है. एेसा ही एक टूरिस्ट प्लेस है सरायकेला के चांडिल स्थित दाराकोचा फॉल (जलप्रपात).

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2021 5:21 PM
an image

Jharkhand News (हिमांशु गोप, चांडिल, सरायकेला) : झारखंड को उसके प्राकृतिक सौंदर्य और असीमित पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है जहां जंगल, पहाड़, झरनों, मंदिरों के साथ-साथ कई जगह है जो अपनी सौंदर्यता से लोगों को अपनी और आकर्षित करती है. एेसा ही एक टूरिस्ट प्लेस है सरायकेला के चांडिल स्थित दाराकोचा फॉल (जलप्रपात).

सरायकेला जिला मुख्यालय से लगभग 50 किमी व चांडिल प्रखंड मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैंसाकोचा पंचायत के दाराकोचा गांव में स्थित है दाराकोचा जलप्रपात. इन दिनों ये जलप्रपात लोगों को खूब लुभा रही है. कल-कल करता पानी पहाड़ के ऊपर से गिरने का अलग ही आनंद देता है.

अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने और जानकारी के अभाव में लोग इस जलप्रपात का आनंद नहीं उठा पा रहे हैं, लेकिन अब इस जलप्रपात को टूरिस्ट प्लेस का दर्जा देने की मांग उठनी लगी है. आधारभूत संरचना के अभाव के कारण लोग यहां तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.

Also Read: कोरोना काल में मदद की मिसाल, खुद कोरेंटिन रहते आदित्यपुर की सिमरन ने काेरोना संक्रमितों तक ‍32 लाख रुपये की पहुंचायी मदद

बारिश के समय दाराकोचा जलप्रपात का अद्भुत दृश्य देखने को मिलती है. हालांकि, गर्मी व अन्य समय में इस जलप्रपात में पानी के बराबर रहता है. अतिनक्सल प्रभावित क्षेत्र, पक्की सड़क का अभाव तथा सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों के पहुंच से दूर है यह जलप्रपात.

हैंसाकोचा पंचायत भवन से करीब डेढ़ से दो किमी व एनएच 33 टाटा-रांची मुख्य मार्ग से लगभग 12-15 किमी की दूरी पर स्थित है. हैंसाकोचा से दाराकोचा तक जाने के लिए पक्की सड़क नहीं है. यही कारण है कि दो पहिया वाहनों को भी यहां पहुंचने में मुश्किल होती है. हैंसाकोचा से दाराकोचा स्थित जलप्रपात जाने के लिए हैंसाकोचा में छोटी-बड़ी वाहन रखकर पैदल करीब दो किमी तक जाना पड़ता है, तब जाकर जलप्रपात का नजारा देखने को मिलता है.

सरकार ध्यान दें, तो बन सकती है बेहतर टूरिस्ट प्लेस

हैंसाकोचा के दाराकोचा स्थित जलप्रपात बरसात के समय में अद्भुत दृश्य देखने को मिलती है. सरकार अगर नक्सल प्रभावित क्षेत्र दाराकोचा स्थित जलप्रपात को संज्ञान में लेकर विकास का कार्य करती है, तो अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैंसाकोचा पंचायत क्षेत्र की दशा और दिशा दोनों बदल सकती है.

Also Read: पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी की पहल पर फिल्म डायरेक्टर मनीष मुंद्रा ने बढ़ाया मदद का हाथ, जमशेदपुर की बेटी के इलाज में खर्च होंगे लाखों रुपये

जलप्रपात को देखने सैलानियों की संख्या बढ़ेगी, तो स्थानीय लोगों को भी स्वराेजगार मिलेगा. हालांकि, वर्तमान में रोजगार का कोई साधन नहीं होने के कारण अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र के गरीब आदिवासी ग्रामीण जंगल की सूखी लकड़ी, पत्तल, दातुन, कंदमूल आदि बेचकर ही अपना जीवन यापन कर रहे हैं.

Posted By : Samir Ranjan.

Exit mobile version