सेल्फी विद शेषनाग ! शेषनाग के आकार का चट्टान बना सेल्फी प्वाइंट, खूब ले रहें सेल्फी
प्रखंड मुख्यालय से 6 किमी दूर स्थित डुमारो वन क्षेत्र में शेषनाग आकार के चट्टान बना सेल्फी प्वाइंट. यह स्थल रमणीय है.यहां दूरदराज से लोग हर दिन घूमने आते हैं .और इन चट्टानों के साथ सेल्फी का आनंद लेते रहते हैं .यहां दर्जनों ऐसे चट्टान है जो शेषनाग आकार के की तरह दिखाई पड़ते हैं. डुमारो क्षेत्र के द्वारपाल गुफा के आसपास क्षेत्र में दर्जनों चट्टान शेषनाग की तरह है . जो काफी रमणीक लगते हैं
बड़कागांव (संजय सागर) : प्रखंड मुख्यालय से 6 किमी दूर स्थित डुमारो वन क्षेत्र में शेषनाग आकार के चट्टान बना सेल्फी प्वाइंट. यह स्थल रमणीय है.यहां दूरदराज से लोग हर दिन घूमने आते हैं .और इन चट्टानों के साथ सेल्फी का आनंद लेते रहते हैं .यहां दर्जनों ऐसे चट्टान है जो शेषनाग आकार के की तरह दिखाई पड़ते हैं. डुमारो क्षेत्र के द्वारपाल गुफा के आसपास क्षेत्र में दर्जनों चट्टान शेषनाग की तरह है . जो काफी रमणीक लगते हैं
बताया जाता है कि मध्यकाल में 1400 ई में करणपुरा के राजा दलेल सिंह सर्व धर्म के अनुयाई थे. राजा द्वारा कई गुफाओं में शिवलिंग स्थापित किया गया था. आज भी इसका अवशेष है .इसी दौरान उन्होंने कई चट्टानों को काटकर शेषनाग का आकार रूप दिया. जबकि पुरातात्विक अध्ययन करने वाले विशेषज्ञ अशोक कुमार का कहना है कि यह क्षेत्र प्राचीन मानव सभ्यता का रहा है .इसलिए पाषाण काल में मानव का निवास स्थल रहा है.
करणपुरा कॉलेज के इतिहास विभाग के अध्यापक सुरेश कुमार का कहना है कि बड़कागांव प्राचीन सभ्यता का चल रहा है. क्योंकि इस क्षेत्र में दर्जनों गुफाएं है .प्राचीन मानव पहाड़ों के कंदराओं में रहते थे . प्राचीन मानव पत्थरों को काटकर गुफा बनाया करते थे .क्षेत्र में कई ऐसे स्थान हैं जो गुफा के रूप में तब्दील हैं .बाद में इन गुफाओं को करणपुरा के राजा दलेल सिंह द्वारा सुंदरीकरण किया गया. और इन्हीं गुफाओं को शेषनाग के आकार की तरह बनाया .
Posted By: Pawan Kumar