Kajari Teej: हिंदू धर्म में कजरी तीज का विशेष महत्व है. भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि यानी रक्षाबंधन के तीन दिन बाद कजरी तीज मनाई जाती है. हरियाली और हरतालिका तीज की तरह ही कजरी तीज के दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. दिनभर व्रत रखने के बाद शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद अपने व्रत को खोलती है. कजरी तीज इस साल 02 सितंबर दिन शनिवार को है. इसे कजली और सातुड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है. कजरी तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने का विशेष विधि-विधान है. इस दिन अविवाहित लड़कियां अच्छे पति के लिए कजरी तीज का व्रत रखती हैं.
janmashtami 2023 date and time: इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई जाएगी. इस बार बुधवार के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रोहिणी नक्षत्र तथा वृषभ राशि के चंद्रमा की साक्षी में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. जन्माष्टमी पर 30 साल बाद ग्रह नक्षत्रों का भी विशिष्ट संयोग बन रहा है. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 6 सितम्बर बुधवार की रात 7 बजकर 57 मिनट के बाद से अष्टमी तिथि लग जायेगी. वहीं दिन में 02 बजकर 39 मिनट से रोहिणी नक्षत्र भी प्रारम्भ हो जायेगी. इस प्रकार इस दिन अर्धरात्रि में अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र का संयोग एक साथ मिलने के कारण ‘जयन्ती’ नामक योग में स्मार्त्त गृहस्थ तथा अन्य सभी लोग श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनायेंगे. अपने को विशुद्ध ‘वैष्णव’ मानने वाले उदय कालिक अष्टमी तिथि एवं औदायिक रोहिणी नक्षत्र मिलने से 7 सितम्बर गुरुवार को श्रीकृष् णजन्माष्टमी का व्रत-पर्व मनायेंगे. शास्त्र में इन दोनों के पक्ष में पर्याप्त प्रमाण प्राप्त होते हैं.
Aja Ekadashi 2023 Date: हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का अत्यंत महत्व है. एकादशी के व्रत को सर्व श्रेष्ठ व्रत बताया गया है. 10 सितंबर 2023 दिन रविवार को अजा एकादशी है. अजा एकादशी का व्रत रखने से ग्रहों के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूर्ण श्रद्धा से पूजा करने पर व्यक्ति के कष्ट दूर हो जाते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार अजा एकादशी व्रत जो भी पूरी श्रद्धा के साथ करते हैं, उन्हें पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने से अश्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है. इस व्रत को नियम पूर्वक करने वाले के सभी पापों से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही इस व्रत को करने से भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी का भी खास आशीर्वाद मिलता है.
Vishwakarma Puja 2023 Date: हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत त्योहारों का अलग अलग महत्व है. देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की पूजा इस साल 17 सितंबर 2023 दिन रविवार को की जाएगी. इस साल विश्वकर्मा पूजा के साथ सूर्यदेव की पूजा करना उत्तम फलदायी होगा. क्योंकि 17 सितंबर 2023 को सुबह 7 बजकर 11 मिनट पर सूर्य अपनी सिंह राशि को छोड़कर कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे, जो काल पुरुष कुंडली का प्राकृतिक घर भी माना गया है. यह एक पृथ्वी तत्व की राशि है और स्त्री तत्व की राशि मानी जाती है.
Ganesh Chaturthi 2023 Date: इस साल गणेश चतुर्थी 18 सितंबर 2023 दिन सोमवार को है. इस दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत हो जाएगी. इस बार अधिकमास होने की वजह से गणेश उत्सव देर से प्रारंभ हो रहे हैं. भादो में आने वाली गणेश चतुर्थी को दोपहरिया गणेश भी कहा जाता है. 18 सितंबर को सुबह 10 बजकर 15 मिनट तक तृतीया तिथि रहेगी. इसके बाद से चतुर्थी तिथि आएगी. चूंकि ये दोपहरिया गणेश कहलाते हैं. इसलिए इनकी स्थापना दोपहर बाद की जा सकेगी. शुभ चौघड़िया के अनुसार इस दिन गणेशजी की स्थापना की जा सकती है. इस बार गणेश चतुर्थी सोमवार के दिन पड़ेगी. चूंकि गणेश जी भगवान शिव के पुत्र हैं और सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. इसलिए इस दिन गणेश चतुर्थी पर विशेष फल की प्राप्ति के लिए उपाय करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होगीं.
Pitru Paksha 2023: भादो माह यानि सितंबर में पितृ पक्ष भी आरंभ हो रहे हैं. इस दौरान पितरों का श्राद्ध, पिंडदान और श्राद्ध करना लाभकारी माना जाता है. मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान पितर पृथ्वी पर होते हैं और अपने परिवार को आशीर्वाद देते हैं. पितृ दोष मुक्ति का ‘महापर्व’ पितृ पक्ष भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन अमावस्या तक चलता है. इसके 16 दिन पितरों को समर्पित किए गए हैं. इस साल पितृ पक्ष 29 सितंबर 2023 दिन शुक्रवार से प्रारंभ हो रहा है और 14 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या के दिन समाप्त होगा. पितृ पक्ष की निश्चित तिथि पर अपने पितरों के लिए भोजन, दान, पंचबलि कर्म, तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध आदि करते हैं. पितृ पक्ष में उस तिथि पर ही उस पितर के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि किया जाता है.