शचींद्र कुमार दाश
सरायकेला-खरसावां : कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के आह्वान पर रविवार (22 मार्च, 2020) को ‘जनता कर्फ्यू’ (Janata Curfew) को सरायकेला-खरसावां (Seraikella-Kharsawan) में हर वर्ग का भरपूर समर्थन मिला. आम से लेकर खास वर्ग के लोग घर से बाहर नहीं निकले. हाट, बाजार, पर्यटन स्थल, मंदिर आदि पूरी तरह से बंद रहे.
जिला में जनता कर्फ्यू पूरी तरह सफल रहा. जिला मुख्यालय सरायकेला से खरसावां, कुचाई, चांडिल, नीमडीह, आदित्यपुर समेत ग्रामीण इलाकों तक सन्नाटा पसरा रहा. व्यवसायियों ने सहर्ष अपनी-अपनी दुकानें बंद रखीं. इक्का-दुक्का लोग ही सड़कों पर नजर आये.
जिला से होकर गुजरने वाली एएनएच-32 व एनएच-33 पर भी सन्नाटा पसरा रहा. गाड़ियां नहीं चलीं. लोगों ने अपने आपको घरों में कैद कर लिया. ट्रक, टेंपो के साथ-साथ यात्री बसों का परिचालन भी नहीं हुआ. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने को लेकर आम लोगों ने प्रधानमंत्री की अपील को गंभीरता से लिया है.
सरायकेला, खरसावां, चांडिल, आदित्यपुर शहरी क्षेत्र में पूरी तरह से कर्फ्यू के हालात नजर आ रहे हैं. लोगों ने प्रधानमंत्री की अपील का समर्थन करते हुए कोरोना वायरस के चेन को तोड़ने के लिए सरकार का भरपूर सहयोग किया.
जनता कर्फ्यू तैयारी में लोग उसी दिन से जुट गये थे, जब प्रधानमंत्री ने लोगों से इसकी अपील की थी. लोगों ने एक-दूसरे तक जनता कर्फ्यू का मैसेज भेजना शुरू कर दिया था. दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोगों ने भी जनता कर्फ्यू के दिन काम नहीं करने का मन बना लिया था.
सब्जी मंडी में कोई क्रेता या विक्रेता नहीं दिखा. चाय की एक दुकान भी नहीं खुली. आम दिनों में होटल व चाय की दुकानें भी सुबह में ही खुलने लगती थी, लेकिन जनता कर्फ्यू के समर्थन में रविवार को कहीं कोई दुकान नहीं खुली.
सभी लोगों ने अपने आपको घरों में कैद कर लिया. इससे लोगों की गतिविधियां घरों तक सीमित हो गयी. लिहाजा, यहां की सड़कें व बाजार पूरी तरह सुनसान है. यहां तक कि ट्रेनों का आवागमन भी पूरी तरह से ठप रही. रेलवे स्टेशन पर भी कोई नहीं दिखा.
इस दौरान पुलिस प्रशासन की सक्रियता देखी गयी. सभी चौक-चौराहों पर पुलिस को तैनात कर दिया गया था. इक्का-दुक्का लोग यदि बाहर निकले भी, तो उन्हें पुलिस के इन जवानों ने जनता कर्फ्यू का महत्व समझाया और उनसे अपील की कि वे अपने घर चले जायें.