सरायकेला-खरसावां में आदिवासी कुड़मी समाज के लोगों ने रेलवे ट्रैक किया जाम, जानिए क्या है वजह
सरायकेला-खरसवां जिला के आद्रा रेल डीविजन के नीमडीह रेलवे स्टेशन को आदिवासी कुड़मी समाज के लोगों ने जाम कर दिया. आज आदिवासी कुड़मी समाज के बैनर तले रेल रोको आंदोलन किया जा रहा है. इसी क्रम में राज्यभर में समाज के लोगों की ओर से आंदोलन किया जा रहा है.
Saraikela Kharsawan News: सरायकेला-खरसवां जिला के आद्रा रेल डीविजन के नीमडीह रेलवे स्टेशन को आदिवासी कुड़मी समाज के लोगों ने जाम कर दिया. आज आदिवासी कुड़मी समाज के बैनर तले रेल रोको आंदोलन किया जा रहा है. इसी क्रम में राज्यभर में समाज के लोगों की ओर से आंदोलन किया जा रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह सात बजे से ही आदिवासी कुड़मी समाज के बैनर तले रेलवे चक्का जाम किया गया.
इन मांगों को लेकर किया चक्का जाम
बताते चलें कि कुड़मी जाति को आदिवासी जनजाति (एसटी) में शांमिल करने, कुड़माली भाषा व सरना कोड लागू करने की मांग को लेकर पूर्व आहूत कार्यक्रम के तहत आदिवासी कुड़मी समाज ने रेल रोको आंदोलन किया. इसी क्रम में नीमडीह रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक को सुबह 7 बजे से लेकर सुबह 11 बजे तक बारिश के बीच समाज के लोग अपनी मांगों को लेकर रेलवे ट्रैक को जाम रखा. सभी ढोल नगाड़े के साथ डटे रहे. वहीं आंदोलन को लेकर रेलवे ट्रैक पर भारी सुरक्षा बल की तैनाती की गई थी.
ट्रैक जाम रहने से ये ट्रेनें रही प्रभावित
ट्रैक जाम होने चक्रधरपुर- गोमो पैसेंजर ट्रेन, टाटा -दानापुर सुपरफास्ट,टाटा -आसनसोल पैसेंजर ट्रेन, झाड़ग्राम -धनबाद पसेंजर ट्रेन, आसनसोल- टाटा एक्सप्रेस ट्रेन समेत करीब 10 ट्रेनों का परिचालन प्रभावित रहा. वहीं, हावड़ा-चक्रधरपुर एक्सप्रेस, राजेंद्र- दुर्ग एक्सप्रेस, पुरुषोत्तम एक्सप्रेस ट्रेन के रूट को डायवर्ट कर उसे बोकारो मुरी चांडिल रेल रूट से पास किया गया. रेल जाम के बाद समाज की ओर से रेल पदाधिकारियों और स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन सौंपा.
इनकी रही उपस्थिति
इस अवसर पर केंद्रीय प्रवक्ता सह अधिवक्ता सुनील कुमार गुलिआर, केंद्रीय सचिव जयराम महतो, झारखंड प्रदेश अध्यक्ष पदमालोचन महतो, जिला प्रभारी प्रभात कुमार महतो, बैद्यनाथ महतो, अशोक पुनअरिआर, कृष्णचंद्र काटिआर, शीतल ओहदार, संजीव महतो,माधव चंद्र महतो, श्री कांत महतो, जीतेन महतो, विश्वनाथ अरुण आदि हजारो की संख्या में कुड़मी समाज के लोग उपस्थित थे.
रिपोर्ट : हिमांशु गोप