मौसम का मिजाज बदलते ही स्वास्थ्य केंद्रों के साथ-साथ सदर अस्पताल में सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. जानकारी के अनुसार, सरायकेला-खरसावां जिले में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस व अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण लोग बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. सुबह सात बजे तक हाइवे व ग्रामीण क्षेत्रों में कुहासा छाया रह रहा है. लोग अपने-अपने वाहनों की लाइट जला कर चल रहे हैं. इधर, इस ठंड का असर बच्चों व बड़ों दोनों पर ही देखने को मिल रहा है. पहले सदर अस्पताल में 200 से 250 मरीज ओपीडी में आते थे, लेकिन इसकी संख्या में इजाफा हुआ है. अब करीब तीन सौ से अधिक मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं. जिसमें सर्दी, जुकाम व बुखार से पीड़ित 50 से 60 मरीज रोज अस्पताल आ रहे हैं. अस्पताल आने वाले मरीजों को चिकित्सक सुबह व शाम ठंड से बचने की सलाह दे रहे हैं. चिकित्सक गर्म पानी का सेवन करने की अपील भी कर रहे हैं.
लेखन, कला, कीर्ति के माध्यम से ही संताली साहित्य होगा समृद्ध : भुजंग
द टाइगर आर्ट्स एंड कल्चरल सोसायटी भवन गम्देसाई (राजनगर) में अखिल भारतीय संताली लेखक संघ झारखंड शाखा की बैठक हराधन मार्डी की अध्यक्षता में हुई. बैठक का शुभारंभ ओलचिकी लिपि के जनक पंडित रघुनाथ मुर्मू की तस्वीर पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया. मुख्य अतिथि साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त भुजंग टुडू ने कहा कि भाषा-साहित्य की विकास के लिए अधिक से अधिक लोगों को साहित्यिक चर्चा में शामिल होने की जरूरत है. समाज अपनी लेखन, कला, कीर्ति के माध्यम से ही संताली साहित्य को समृद्ध कर सकता है. इसी उद्देश्य के साथ ही अखिल भारतीय संताली लेखक संघ, झारखंड शाखा की ओर से जगह-जगह में टोठाकिया सांवहेद आखड़ा संताली साहित्य संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है. मौके पर हाराधन मार्डी, डुमका मुर्मू, दुलाल चंद्र हांसदा, गुरुनार सोरेन, लखन किस्कू, रामसाई मुर्मू, सुराई सोरेन, दिकु हांसदा, देवव्रत मुर्मू, गंगाराम हांसदा, सुनीता मुर्मू, काजल किस्कु आदि मौजूद थे.