चार दिन पहले स्थगित हुआ सत्र, सरकार ने दिये 604 प्रश्नों के उत्तर
कोरोना वायरस को लेकर पंचम विधानसभा का बजट सत्र चार दिन पहले अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया. कार्यमंत्रणा समिति की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया.
रांची : कोरोना वायरस को लेकर पंचम विधानसभा का बजट सत्र चार दिन पहले अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया. कार्यमंत्रणा समिति की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया. बजट सत्र की शुरुआत 28 फरवरी को हुई थी. 28 मार्च तक चलने वाले सत्र के दौरान 18 कार्यदिवस निर्धारित थे, लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए चार दिन पहले ही गिलोटिन लाकर बजट सत्र को समाप्त करना पड़ा.
राज्य गठन के बाद पहली बार कोई बजट सत्र विधानसभा के अपने प्रांगण में आयोजित किया गया. सदन की कार्यवाही के दौरान विधायकों की ओर से कुल 1096 प्रश्न प्राप्त हुए. इसमें से 881 प्रश्न स्वीकृत कये. 23 मार्च तक सरकार की ओर से लगभग 70 प्रतिशत 604 प्रश्नों के उत्तर प्राप्त हुए. तीन मार्च को सरकार की ओर से मूल बजट पेश किया गया, जिसे सदन द्वारा विस्तृत वाद-विवाद के बाद पारित किया गया.
बजट सत्र के दौरान सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि विधायकों द्वारा सरकार की मांगों के खिलाफ लाये गये सात कटौती प्रस्तावों को वापस लिया गया. राज्य गठन के बाद ऐसा पहली बार हुआ है. बजट सत्र के दौरान सदस्यों की जन समस्याओं के प्रति निष्ठा को देखते हुए सदन की कार्यवाही को अपने निर्धारित समय से दूसरी पाली में आठ कार्य दिवसों को विस्तारित किया गया
पहली बार वापस लिये गये सात कटौती प्रस्ताव, दूसरी पाली में आठ कार्यदिवसों को किया गया विस्तारित
गतिरोध सामान्य बात लोकतंत्र की खूबसूरती
स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि कोरोना के विश्वव्यापी विभीषिका का रूप लेने के कारण सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित किया गया. सत्र की कार्यवाही मैं संतुष्ट हूं. बजट सत्र के दौरान उत्पन्न गतिरोध के सवाल पर उन्होंने कहा कि गतिरोध सामान्य बात है. यह लोकतंत्र की खूबसूरती है. सत्र के दौरान स्वस्थ्य चर्चा हुई.
इससे राज्यवासियों को फायदा मिलेगा. मेरा प्रयास रहा कि पहली बार चुन कर आये नये सदस्यों को विधायी कार्यों में भाग लेने के लिए अधिक से अधिक प्रोत्साहित किया जाये. सत्र के दौरान पक्ष व विपक्ष ने जन कल्याण के प्रति समभाव को रेखांकित किया. यह पूछे जाने पर कि नेता प्रतिपक्ष के मामले में कब तक निर्णय होगा. इस पर उन्होंने कहा कि विपक्षी दल की ओर से अभी तक मुख्य सचेतक व सचेतक भी तय नहीं किया गया है. कभी-कभी इस प्रकार कठिनाई आती है. यह क्षणिक है. कानून की बारीकियों की जानकारी ली जा रही है. विपक्ष की ओर से आरोप लगाये जाने पर स्पीकर ने कहा कि इसके लिए वे स्वतंत्र हैं.