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7 साल की मासूम कर रही थी हेरोइन की तस्करी, बांग्लादेश सीमा पर गिरफ्तारी के बाद किये चौंकाने वाले खुलासे

West Bengal News: घटना मुर्शिदाबाद में बांग्लादेश से लगे सीमावर्ती इलाके की है. बीएसएफ ने तस्करी की कोशिश को तो नाकाम कर दिया, लेकिन पकड़ी गयी बच्ची के बयान से वे भी हतप्रभ रह गये.

By Mithilesh Jha | December 26, 2022 7:49 PM

भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती (India-Bangladesh Border) इलाकों में सक्रिय तस्कर अब वहां रहनेवाले नाबालिगों व विद्यार्थियों को भी साध रहे हैं, जो 200-250 रुपये से ढाई हजार रुपये तक की लालच में अपने भविष्य को दांव पर लगा देते हैं. तस्करों के सॉफ्ट टारगेट बेरोजगार युवा, महिलाएं व किसान भी हैं, जिन्हें कम समय में ज्यादा रुपये कमाने का लालच देकर तस्करी में लगाया जाता है.

मुर्शिदाबाद में बच्ची के बयान से बीएसएफ अधिकारी हैरान

सीमावर्ती इलाके में हुई ताजा घटना में एक महिला ने ड्रग्स तस्करी (Drugs Smuggling) के लिए अपनी सात साल की मासूम बच्ची को जरिया बनाने से भी गुरेज नहीं किया. घटना मुर्शिदाबाद (Murshidabad) में बांग्लादेश (Bangladesh) से लगे सीमावर्ती इलाके की है. बीएसएफ (Border Security Force) ने तस्करी की कोशिश को तो नाकाम कर दिया, लेकिन पकड़ी गयी बच्ची के बयान से वे भी हतप्रभ रह गये.

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बीएसएफ जवानों ने बच्ची को पकड़ा

बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि मुर्शिदाबाद की सीमा चौकी बोयराघाट इलाके में शनिवार रात को बीएसएफ की 115वीं बटालियन के जवानों ने इस बच्ची की संदिग्ध गतिविधि देखी. वह बीएसएफ की ड्यूटी लाइन से गुजर रही थी. बीएसएफ के जवानों ने उसे पकड़ लिया.

बच्ची के कब्जे से 107 ग्राम हेरोइन बरामद

बीएसएफ की महिलाकर्मियों ने बच्ची की तलाश ली, तो उसके कब्जे से प्लास्टिक का एक पैकेट मिला, जिसमें 107 ग्राम हेरोइन थी. पूछताछ में बच्ची ने बताया कि यह पैकेट उसकी मां ने दिया था, जिसे सीमा से सटे इलाके में उसकी दादी को सौंपना था. बीएसएफ ने बच्ची को रघुनाथगंज थाना की पुलिस के हवाले कर दिया. साथ ही जरूरी जानकारी भी दे दी है.

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तस्करों के बहकावे में जल्द आ जाते हैं नाबालिग व विद्यार्थी

मुर्शिदाबाद की घटना पहली नहीं है. इसके पहले भी सीमावर्ती इलाकों में तस्करी के दौरान नाबालिग पकड़े जाते रहे हैं. इसी वर्ष दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अधीन बीएसएफ के जवानों ने विभिन्न दवाओं के साथ भारत-बांग्लादेश सीमा के पास इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आइसीपी) पेट्रापोल से विश्वजीत सरकार (19) और रमेश मंडल (17) नामक युवकों को दबोचा था. उनके कब्जे से करीब 1.49 लाख रुपये की दवा जब्त हुईं थीं. ये दवाएं दोनों आरोपी तस्करी के जरिये बांग्लादेश ले जाने के फेर में थे.

250 रुपये के लिए तस्करी करते हैं स्टूडेंट्स

रमेश कक्षा 12 का छात्र है, जो उत्तर 24 परगना के बनगांव का निवासी है. बीएसएफ को रमेश ने बताया कि दवाओं की तस्करी के लिए उसे और उसके साथी को 250 रुपये मिलने वाले थे. उसके परिजन मजदूरी करते हैं. ऐसे में वह तस्करों के बहकावे में आकर और रुपये कमाने के चक्कर में उनका काम करने लगा. कभी-कभी उसे ढाई हजार रुपये भी मिलते थे.

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शराब और खाद की भी होती है तस्करी

रमेश मंडल ही अकेला नाबालिग नहीं है, जो तस्करों की मदद करने के आरोप में दबोचा गया. मुर्शिदाबाद की सीमा चौकी से बीएसएफ की 35वीं वाहिनी के जवानों ने काजीरुल शेख (17) को पकड़ा था. उसके पास से शराब की 24 बोतलें और 30 किलो खाद जब्त हुई थी. आरोपी ने बीएसएफ को बताया था कि ये सामान उसे बांग्लादेश के एलाटोली इलाके के निवासी कबीर इस्लाम को सौंपने थे, जिसके बदले में उसे 200 रुपये मिलते.

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