जन्मकुंडली देखकर आप जान सकेंगे कब और किधर होगा आपका विवाह, जानें किस दिशा में मिलेंगे आपके जीवन साथी
ज्योतिष शास्त्र में 12 भाव होते है और हर भाव का अपना एक अलग महत्व होता है. इसी 12 भावों में ग्रहों की स्थिति की गणना करके मनुष्य के जीवन में चल रही स्थिति के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती है.
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति की जन्मकुंडली में स्थित नौ ग्रहों की विश्लेषण करके उसके वैवाहिक जीवन, करियर और आर्थिक स्थिति के बारे में पता लगाया जा सकता है. लेकिन क्या आप जानते है कि व्यक्ति की जन्मकुंडली को देखकर पता लगाया जा सकता है कि उसकी शादी किस दिशा से होगी? ज्योतिष शास्त्र में जन्मकुंडली के सप्तम भाव से विवाह का विचार किया जाता है. साफ शब्दों में कहें तो कुंडली के सप्तम भाव में कौन सा ग्रह स्थित है, अपने साथ ही सप्तमेश पर किस ग्रह की दृष्टि बन रही है, उसके आधार पर पता लगाया जा सकता है.
ज्योतिष शास्त्र में होते है 12 भाव
ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री के अनुसार ज्योतिष शास्त्र में 12 भाव होते है और हर भाव का अपना एक अलग महत्व होता है. इसी 12 भावों में ग्रहों की स्थिति की गणना करके मनुष्य के जीवन में चल रही स्थिति के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती है. क्योंकि अक्सर ये देखा जाता है कि बिना दिशा का मिलान किए जातक के जीवन में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होने लगती है. इसीलिए जातक को राशि के अनुसार, किसी ज्योतिषी से परामर्श लेकर उस दिशा में विवाह करनी चाहिए, जो दिशा जातक के लिए उपयुक्त हो सकें.
इन ग्रहों का है इस दिशाओं पर आधिपत्य
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सभी नौ ग्रहों का अपना एक अलग दिशा प्रदान किया गया है, जिसे उस दिशा का स्वामी कहा जाता हैं. अगर हम बात करें तो पूर्व दिशा के स्वामी ग्रहों के राजा सूर्य को कहा जाता है, उसी तरह दक्षिण-पूर्व दिशा के स्वामी शुक्र ग्रह को, दक्षिण दिशा का स्वामी ग्रहों के सेनापति मंगल को, दक्षिण-पश्चिम के स्वामी मायावी ग्रह राहु को, पश्चिम दिशा के स्वामी कर्मफल दाता शनि को, उत्तर-पश्चिम के स्वामी चन्द्रमा को, उत्तर दिशा के स्वामी ग्रहों के राजकुमार बुध को और उत्तर-पूर्व के स्वामी देवगुरु बृहस्पति को माना गया है. ऐसे में आइए जानते है कि किस राशि के जातक का किस दिशा में शादी करना उत्तम रहेगा.
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मेष राशि (Mesh Rashi)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मेष राशि के जातकों को पूर्व और दक्षिण-पूर्व की दिशा में विवाह करना शुभ माना गया है. अगर आप इस दिशा में विवाह करते है तो आपका पारिवारिक संबंध मजबूत होगा. घर में किसी तरह की कलह नहीं बनेगी. जीवन साथी के साथ आपका संबंध मधुर बना रहेगा.
वृष राशि (Vrishabh Rashi)
वृष राशि के जातक को दक्षिण और उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर विवाह करनी चाहिए. इस दिशा में विवाह करने से आपके जीवन में कभी कोई बड़ी समस्या उत्पन्न नहीं हो सकती हैं. आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर बनी रहेगी. इसके साथ ही करियर में भी हमेशा सफलता मिलती दिख सकती हैं.
मिथुन राशि (Mithun Rashi)
इस राशि के जातक को पूर्व और उत्तर-पूर्व दिशा में विवाह करनी चाहिए. ये दिशा आपके लिए बेहद ही अनुकूल साबित हो सकता हैं. आपके संतान की आर्थिक स्थिति भी ठीक रहेगी. भविष्य में आपके साथ किसी भी प्रकार की कोई अनहोनी नहीं हो सकती है. इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि आप इन्हीं दिशाओं में विवाह करें.
कर्क राशि ( Kark Rashi)
कर्क राशि के जातक को दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम दिशा में शादी करनी चाहिए. इस दिशा में विवाह करने से किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न नहीं हो सकती हैं. इस दिशा में शादी करने से न केवल आपके लिए बल्कि आपके संतानों के लिए भी शुभ माना जाता है. आपका जीवन साथ के साथ तालमेल बढ़िया बना रहता हैं.
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सिंह राशि (Singh Rashi)
सिंह राशि के जातक को पश्चिम और उत्तर-पश्चिम दिशा में विवाह करनी चाहिए. इस दिशा में शादी करने से मन-मुताबिक जीवन साथी मिलेगी एवं घर से पारिवारिक कलह का अंत हो जायेगा. आपको किसी भी बड़े फैसले लेने में आपकी जीवन साथ का पूरा सहयोग मिलेगा. आपके जीवन में तनाव की स्थिति नहीं बनेगी.
कन्या राशि (Kanya Rashi)
कन्या राशि के जातकों को उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा में विवाह करना सबसे शुभ माना जाता हैं. ये दिशा आपको नौकरी में तरक्की दिलाता है. किसी भी कार्य को करने में आपका सहयोग व बुद्धि-विवेक से सोचने का अवसर प्रदान करता है. आपकी वाणी में मधुरता आती है और आप किसी को अपनी वाणी से प्रसन्न कर सकते है.
तुला राशि (Tula Rashi)
तुला राशि के जातक को पूर्व और दक्षिण- पूर्व दिशा में विवाह करना सर्व श्रेष्ठ मानी जाती है. इस दिशा में शादी करने सेक आपके जीवन में खुशियां आती है और आप अपने आप को हमेशा प्रसन्न रख पाने में सफलता प्राप्त करते हैं.
वृश्चिक राशि (Vrishchik Rashi)
वृश्चिक राशि के जातक को अपना लाइफ पार्टनर दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर ढूढ़नी चाहिए. ये दिशा आपको व्यापार में सफलता दिलाती है. आपके जीवन में कभी भी पैसे की कमी नहीं हो सकती है. इसके साथ ही आपकी आर्थिक स्थिति सामान्य बनी रहती है.
धनु राशि (Dhanu Rashi)
धनु राशि के जातक को पश्चिम और उत्तर-पश्चिम दिशा में विवाह करनी चाहिए. ये दिशा आपके जीवन में खुशियां देने वाली होती है. आपको पूरे जीवनभर कोई बड़ी बीमारी परेशान नहीं कर सकता हैं. आपके भाइयों के बीच संबंध संतोष जनक रहता है.
मकर राशि (Makar Rashi)
मकर राशि के जातक को उत्तर और उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर शादी करनी चाहिए. इस दिशा में शादी करने से आपकी माता जी की सेहद संतोषप्रद बनी रहती है. इसके साथ ही आपके जीवन में शत्रु आपको परेशान नहीं कर सकता हैं.
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कुंभ राशि (Kumbh Rashi)
कुंभ राशि के जातक को पूर्व और दक्षिण-पूर्व दिशा में विवाह करनी चाहिए. ये दिशा आपके पारिवारिक जीवन के लिए बेहतर रहता है. इस दिशा में शादी करने से आप कभी भी मानसिक तनाव में नहीं आ सकते हैं.
मीन राशि (Meen Rashi)
मीन राशि के जातकों को दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम दिशा में विवाह करनी चाहिए. ये दिशा आपके लिए एकदम मंगलकारी सिद्ध होता है. आपके रिश्तेदारों से संबंध बढ़िया रहता हैं. परिवार में कभी भी लड़ाई- झगड़ा नहीं होता है.