कोरोमंडल ट्रेन हादसा : रोजगार की तलाश में चेन्नई जा रहे बंगाल के शफीक की हो गयी मौत, गांव में पसरा मातम
कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में पूर्वी बर्दवान के शफीक काजी की मौत हो गयी. खबर मिलते ही घर में चीख-पुकार मच गयी. पूरे गांव में मातम पसरा है. वह राजमिस्त्री का काम करने के लिए एक दोस्त के साथ चेन्नई के लिए निकला था.
बर्दवान/पानागढ़, मुकेश तिवारी : कोरोमंडल रेल दुर्घटना में पश्चिम बंगाल के बर्दवान जिले के एक युवक की मौत हो गयी है. 25 साल का शफीक काजी 5 साल के बेटे और पत्नी को छोड़कर रोजगार की तलाश में चेन्नई जा रहा था. ओडिशा के बालेश्वर में हुए भीषण रेल हादसे की खबर जैसे ही मिली, घर में चीख-पुकार मच गयी. गांव में मातम पसर गया. शुक्रवार को ट्रेन से ही शफीक काजी ने पत्नी को वीडियो कॉल किया था.
पूर्वी बर्दवान के बाडशूल गांव का था शफीक
इकलौते बेटे को बेहतर भविष्य देना चाहता था. अपने प्रदेश में काम नहीं मिला, तो एक मित्र के साथ शफीक काजी चेन्नई के लिए चल पड़ा. परिवार के लोगों ने उसे खुशी-खुशी विदा किया था. किसी को कहां पता था कि शफीक काजी अब कभी लौटकर घर नहीं आयेगा. शफीक काजी पूर्व बर्दवान जिले के बाडशूल गांव का रहने वाला था.
मृतकों के परिजनों को मिलेंगे 12 लाख रुपये
बताया जा रहा है कि वह राजमिस्त्री का काम करने के लिए चेन्नई जा रहा था. शुक्रवार दोपहर में आखिरी बार पत्नी को वीडियो कॉल किया था. बताया गया है कि ट्रेन हादसे में सिर में चोट लगने की वजह से शफीक काजी की मौत हुई. खबर मिलने के बाद शफीक के घर के लोग शनिवार को उसकी पत्नी और बच्चे के साथ शव लाने के लिए घर से निकल गये. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है. प्रधानमंत्री ने भी 2-2 लाख रुपये देने की घोषणा की है.
कैसे हुआ यह भयानक हादसा?
ट्रेनों की टक्कर के बाद उसकी बोगियां माचिस के डिब्बे की तरह पलट गयीं. कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन का इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया. हादसा बालेश्वर के बहनागा बाजार स्टेशन के पास हुआ था. तेज आवाज सुनकर स्थानीय लोग दौड़े आये. बचाव कार्य शुरू करने वाले पहले व्यक्ति थे. बाद में एक-एक कर विभिन्न बचाव दल वहां पहुंचे. घायलों को रेस्क्यू कर अलग-अलग अस्पतालों में भेजा गया. बता दें कि करीब ढाई सौ लोगों की अब तक मौत हो चुकी है.