धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज की सफाई पर हर माह खर्च होते हैं 21 लाख रुपये, फिर भी पसरी है गंदगी
जिला के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसएनएमएमसीएच) की साफ-सफाई का हाल किसी से छुपा नहीं है. यहां की सफाई व्यवस्था पर हर माह 21 लाख रुपये खर्च होते हैं. बावजूद अस्पताल के अंदर से बाहर तक गंदगी पसरी मिल जायेगी.
विक्की प्रसाद
Dhanbad News: जिला के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसएनएमएमसीएच) की साफ-सफाई का हाल किसी से छुपा नहीं है. यहां की सफाई व्यवस्था पर हर माह 21 लाख रुपये खर्च होते हैं. बावजूद अस्पताल के अंदर से बाहर तक गंदगी पसरी मिल जायेगी. नतीजा, मरीजों के साथ आनेवाले तीमारदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
शिकायत पर भी प्रबंधन नहीं लेता संज्ञान
हालात इतने खराब हैं कि शौचालय से आ रही बदबू या वार्ड की गंदगी की वजह से मरीज काफी असहज महसूस करते हैं. दूसरी तरफ, अस्पताल प्रबंधन को जैसे इससे कोई सरोकार नहीं है. लगातार शिकायत करने के बावजूद कानों पर जूं तक नहीं रेंगती. सच कहें तो अस्पताल में गंदगी लाइलाज बीमारी बन चुकी है. बताया जाता है कि एसएनएमएमसीएच प्रबंधन ने दो साल पहले साफ-सफाई के लिए हजारीबाग की एजेंसी कमांडो को बहाल किया था. वार्ड से लेकर पूरे परिसर की साफ-सफाई के लिए प्रबंधन हर माह करीब 21 लाख रुपये का भुगतान करता है. मतलब, हर दिन 70000 रुपये खर्च किये जाते हैं.
गंदगी फैलाने में तीमारदार भी पीछे नहीं
वार्डों और परिसर में गंदगी फैलाने में मरीज के तीमारदार भी पीछे नहीं रहते हैं. परिजन खाना खाते हैं और कचरा वहीं छोड़ देते हैं. पानी की बोतलें जहां-तहां फेंक देते हैं. अस्पताल परिसर के अंदर लोगों के लिए बनाये गये सामुदायिक नल पर मरीज के परिजन कपड़े धोते नजर आ जायेंगे.
मंत्री-अधिकारियों के दौरे के समय रहता है चकाचक
अस्पताल के कई वार्ड ऐसे हैं, जहां नाक पर बगैर कपड़ा रखे घुसना मुश्किल है. बर्न, गायनी, मेडिसिन, ऑर्थो सहित अन्य विभागों में चारों ओर गंदगी मिलेगी. वैसे मंत्री और अधिकारियों के दौरे के समय अस्पताल चकाचक रहता है. उनके जाते ही स्थिति जस की तस हो जाती है. वार्डों से लेकर पूरे परिसर में साफ-सफाई के लिए हजारीबाग की कमांडो एजेंसी बहाल है. यह वही एजेंसी है, जो मंत्री और अधिकारी के दौरे के समय सफाई करती है.
सफाई एजेंसी को सौंपे गये हैं ये कार्य
वार्डों में दो वक्त नियमित रूप से झाड़ू और पोंछा लगाना
पोंछा के दौरान पर्याप्त मात्रा में फिनाइल का इस्तेमाल
हर तीन से चार घंटे पर शौचालय की सफाई
बेड के समीप गमले में इकट्ठा होने वाला सूखा व गिला कचरा हर दो घंटे में नियमित रूप से निष्पादन
अस्पताल के बाहर पूरे परिसर में दो वक्त सफाई व इकट्ठा कचरे का निष्पादन
केवल इतना ही काम कर रही एजेंसी
मात्र एक समय ही झाड़ू और पोंछा लगता है
कभी-कभी ही फिनाइल का इस्तेमाल होता है
बमुश्किल एक वक्त ही शौचालय की सफाई हो रही है
मरीजों के बेड के समीप इकट्ठा सूखा व गिला कचरा का निष्पादन समय पर नहीं
अस्पताल अधीक्षक आवास के बाहर व परिसर में कुछ चिह्नित स्थानों पर ही सफाई