पश्चिम बंगाल में कथित राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा समन किए जाने पर तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख (Shahjahan Sheikh ) ने सोमवार को यहां एक विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष अपने वकील के माध्यम से अग्रिम जमानत के लिये अनुरोध किया.उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में पांच जनवरी को उनके परिसर में छापे मारने पहुंचे ईडी के अधिकारियों पर भीड़ द्वारा किए गए हमले के बाद से शेख सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आए हैं. शेख ने वकील सब्यसाची बनर्जी के जरिये दावा किया कि वह धन शोधन मामले में एजेंसी की शिकायत में आरोपी नहीं हैं. ईडी ने इस मामले में राज्य के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को गिरफ्तार किया था.
विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश प्रशांत मुखोपाध्याय ने शेख की अग्रिम जमानत याचिका की अगली सुनवाई के लिए 23 फरवरी की तारीख तय की है जब ईडी के वकील याचिका का विरोध करते हुए अपनी दलीलें रखेंगे. ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे उप सॉलिसिटर जनरल धीरज त्रिवेदी ने शेख के वकील के उस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया जिसमें एजेंसी की ओर से यह हलफनामा देने की मांग की गई थी कि सुनवाई की अगली तारीख तक शेख के खिलाफ कोई और समन जारी नहीं किया जाएगा.
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ईडी ने अब तक शेख को तीन समन भेजे हैं, लेकिन वह यहां साल्ट लेक में सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए हैं. त्रिवेदी ने दलीलें पेश करने के वास्ते एजेंसी से निर्देश लेने के लिए समय मांगा. बनर्जी ने कहा कि अगर अदालत उन्हें सुरक्षा देती है तो शेख ईडी अधिकारियों के समन का जवाब देते हुए उनके सामने पेश होने के लिए तैयार हैं. उन्होंने दावा किया कि वह शिकायत में आरोपी नहीं हैं. ईडी ने अग्रिम जमानत के अनुरोध के लिखित विरोध में कहा कि सत्तारूढ़ टीएमसी नेता शेख एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं.