Shani Aarti: ॐ जय जय शनि महाराज स्वामी जय जय शनि महाराज…, शनिवार के दिन जरूर पढ़ें शनिदेव की आरती.
Shani Aarti: आज का दिन कर्मफल दाता और न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित है, इस दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए विधि पूर्वक उनकी पूजा करनी चाहिए. शनिवार के दिन स्नान और दान के बाद शनिदेव की आरती करना चाहिए.
Shani Aarti: आज का दिन कर्मफल दाता और न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित है, इस दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए विधि पूर्वक उनकी पूजा करनी चाहिए. शनिवार के दिन स्नान और दान के बाद शनिदेव की आरती करना चाहिए. मान्यता है कि शनिदेव की आरती करने से आपको कई प्रकार के लाभ होते हैं, इसके साथ ही कुंडली से शनि के अशुभ प्रभाव भी कम होने लगते हैं. शनिदेव की आरती लिरिक्स इस प्रकार है…
भगवान शनि की आरती
ॐ जय जय शनि महाराज, स्वामी जय जय शनि महाराज।
कृपा करो हम दीन रंक पर, दुःख हरियो प्रभु आज ॥ॐ॥
सूरज के तुम बालक होकर, जग में बड़े बलवान ॥स्वामी॥
सब देवताओं में तुम्हारा, प्रथम मान है आज ॥ॐ॥1॥
विक्रमराज को हुआ घमण्ड फिर, अपने श्रेष्ठन का। स्वामी
चकनाचूर किया बुद्धि को, हिला दिया सरताज ॥ॐ॥2॥
प्रभु राम और पांडवजी को, भेज दिया बनवास। स्वामी
कृपा होय जब तुम्हारी स्वामी, बचाई उनकी लॉज ॥ॐ॥3॥
शुर-संत राजा हरीशचंद्र का, बेच दिया परिवार। स्वामी
पात्र हुए जब सत परीक्षा में, देकर धन और राज ॥ॐ॥4॥
गुरुनाथ को शिक्षा फांसी की, मन के गरबन को। स्वामी
होश में लाया सवा कलाक में, फेरत निगाह राज ॥ॐ॥5॥
माखन चोर वो कृष्ण कन्हाइ, गैयन के रखवार। स्वामी
कलंक माथे का धोया उनका, खड़े रूप विराज ॥ॐ॥6॥
देखी लीला प्रभु आया चक्कर, तन को अब न सतावे। स्वामी
माया बंधन से कर दो हमें, भव सागर ज्ञानी राज ॥ॐ॥7॥
मैं हूँ दीन अनाथ अज्ञानी, भूल भई हमसे। स्वामी
क्षमा शांति दो नारायण को, प्रणाम लो महाराज ॥ॐ॥8॥
ॐ जय जय शनि महाराज, स्वामी जय-जय शनि महाराज।
कृपा करो हम दीन रंक पर, दुःख हरियो प्रभु आज॥ॐ॥