Shani Dev Puja: मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि शनि देव का जन्म हुआ था. शनि देव को कर्म फल दाता भी कहा जाता है. शनि देव कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. शनि देव को प्रसन्न कर उनकी कृपा पाने के लिए भक्त कई तरह के उपाय करते हैं। माना जाता है कि शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने से वो प्रसन्न होते हैं. आइए जानें, कैसे शनि देव को प्रसन्न किया जा सकता है?
ओम शनैश्चराय विदमहे सूर्यापुत्राय धीमहि।।
तन्नो मंद: प्रचोदयात।।
शनि यंत्र स्थापित करें
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन शनि यंत्र की स्थापना कर उसका विधिपूर्वक पूजन करें. इसके बाद हर दिन शनि यंत्र की विधि-विधान से पूजन करें और सरसों के तेल से दीपक जलाएं. तथा नीला या काला फूल चढ़ाएं. मान्यता है कि ऐसा करने से शनिदेव खुश होते हैं.
शनिवार को शाम के वक्त बरगद और पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। फिर दूध और धूप चढ़ाएं.
Shani Dev Aarti: शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने का विधान है. शनि देव की आरती करने से शनि देव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों के कष्ट और संकट दूर करते हैं. आइए जानते शनि देव की आरती और उसकी महिमा के बारे में…
व्रत के लिए शनिवार को सुबह उठकर स्नान करना चाहिए. उसके बाद हनुमान जी और शनिदेव की आराधना करते हुए तिल, लौंगयुक्त जल को पीपल के पेड़ पर चढ़ाना चाहिए.
शनिवार के दिन काले वस्त्रों और काली वस्तुओं को किसी गरीब को दान में देना चाहिए. काला वस्त्र शनिदेव का प्रिय है. Also Read – Shani Jayanti 2021: अगर आप भी करते हैं ये काम तो नाराज हो सकते हैं शनिदेव, इन कार्यों को करने से मिलता है खास आशीर्वाद
ध्यान रहें कि शनिदेव की पूजा के दौरान तांबे का बर्तनों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. क्योंकि तांबा सूर्य का धातु होता है और शनिदेव के प्रति सूर्य हैं जिनसे उनकी शत्रुता है.
शनि की पूजा में लाल रंग का कुछ भी न चढ़ाएं. चाहे लाल कपड़े हों, लाल फल या फिर लाल फूल ही क्यों न हों. इसकी वजह यह है कि लाल रंग और इससे संबंधित चीजें मंगल ग्रह से संबंधित हैं. मंगल ग्रह को भी शनि का शत्रु माना जाता है.
शनिवार को शनिदेव को काले तिल और काली उड़द भी चढ़ाएं.
शनिदेव की पूजा में यह बात भी ध्यान रखें कि पूजा करने वाला व्यक्ति अस्वच्छ अवस्था में न हो, यानी पूजा करते समय साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए.