Shani Sade Sati And Shani Dhaiya 2022: शनि को एक विशेष ग्रह माना गया है. जिसका संबंध न्याय से है. सभी नवग्रहों में शनि देव सबसे धीमी गति से चलते हैं और शनैः शनैः व्यक्ति को जीवन में अनेक प्रकार की सीख देते हैं. कुंडली में शनि की महादशा लगभग 19 वर्ष तक रहती है. लगभग 30 वर्ष में यह सभी 12 राशियों में भ्रमण का एक चक्कर पूरा करते हैं. शनि की ढैया और साढ़ेसाती विशिष्ट रूप से लोगों के दिमाग में अंकित है. क्योंकि कुछ लोगों द्वारा ऐसा बताया जाता है कि शनि की ढैया और साढ़ेसाती काफी बुरे परिणाम देती है, जबकि वास्तव में स्थिति बिल्कुल ऐसी नहीं है. शनिदेव की कृपा पाने का सबसे अच्छा तरीका है अपने कर्मों को अच्छा रखना इसलिए जब शनि की महादशा या शनि का गोचर ढैय्या अथवा साढ़ेसाती के रूप में आता है तो आपके कर्मों का हिसाब होता है.
वर्तमान में शनि मकर राशि में वक्री अवस्था में विराजमान हैं. 11 अक्टूबर को फिर से मार्गी अवस्था में आएंगे. इसलिए धनु, मकर व कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है.
वर्तमान समय में शनि की साढ़े साती 3 और शनि की ढैय्या 2 राशियों पर चल रही है. ये राशियां इस प्रकार है
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धनु राशि
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मकर राशि
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कुंभ राशि
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मिथुन राशि
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तुला राशि
मिथुन और तुला राशि वालों पर 17 जनवरी 2023 तक शनि की ढैय्या रहेगी. इन दोनों ही राशियों को शनि ढैय्या से पूर्ण रूप से मुक्ति 2023 में ही मिलेगी. वहीं मकर राशि से कुंभ राशि में शनि का प्रवेश होते ही धनु राशि वालों को साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी और मीन राशि पर साढ़े साती प्रारंभ हो जाएगी. शनि मकर राशि में पंचांग की गणना के अनुसार 17 जनवरी 2023 तक रहेंगे. इसके बाद शनि देव का कुंभ राशि में गोचर होगा.