Shani Dosh: शनि देव को कर्मफल दाता और न्याय का स्वामी माना जाता है. शनि कमजोर हो तो जातक को धन की हानि होती है और उसे किसी दुर्घटना में अपंगता या गंभीर रोग जैसे कैंसर आदि का सामना करना पड़ सकता है. वहीं कुंडली में शनि के अशुभ प्रभाव से मकान का क्षतिग्रस्त होना, मकान का गिरना या मकान बिकने जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है. शनि देव अपने गोचर में जिस भाव से गुजरते हैं, उसके जुड़े संघर्ष बढ़ा देते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि दोष होने पर समय से पहले ही व्यक्ति के बाल झड़ने लगते हैं, आंख खराब होने लगती है, कान में दर्द रहता है. शनि खराब होने से शारीरिक कमजोरी, पेट दर्द, टीबी, कैंसर, चर्म रोग, फ्रैक्चर, पैरालाइसिस, सर्दी-जुकाम, अस्थमा आदि जैसे रोग हो जाते हैं.
शतभिषा नक्षत्र कुंभ राशि के अंतर्गत आता है और इस पर राहु का शासन है. शनि देव 24 नवंबर की सुबह 08 बजकर 40 मिनट पर शतभिषा नक्षत्र में गोचर कर चुके हैं. शनि देव 6 अप्रैल 2024 की दोपहर 03 बजकर 55 मिनट तक यहां रहेंगे. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि की मित्र राशियों में शुक्र और बुध के अलावा राहु-केतु भी हैं. ज्योतिष में राहु को शनि के समान फल देनेवाला भी कहा गया है. अब शनि देव अपने मित्र राहु के नक्षत्र शतभिषा में गोचर कर चुके हैं, जिनकी कुंडली में शनि शुभ भावों के स्वामी हैं, उन्हें अचानक बहुत बड़ा लाभ मिल सकता है. शनि देव के शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करने से सभी 12 राशियों के जीवन में अहम बदलाव होना निश्चित है.
ज्योतिषाचार्य के अनुसार शनि देव के नक्षत्र परिवर्तन से विश्व में भारत की साख बढ़ेगी. वहीं वैज्ञानिकों और डॉक्टरों को बीमारियों की नई-नई तकनीक और दवाइयों की खोज करने में सफलता मिलेगी, इसके साथ ही संक्रामक रोगों की रोकथाम के उपायों को और भी बेहतर तरीके से खोजा जा सकेगा. वहीं राजनीतिक उथल-पुथल एवं प्राकृतिक आपदाओं की आशंका बढ़ेगी. धरना जुलूस प्रदर्शन आंदोलन गिरफ्तारियां होगी. देश और दुनिया में राजनीतिक बदलाव होंगे. सत्ता संगठन में परिवर्तन होने का योग दिखाई दे रहा है.
Also Read: Budh Asta 2023: बुध होंगे वक्री अवस्था में अस्त, मेष-मिथुन और कर्क राशि वालों के लिए शुरू होगा कष्टकारी समय
शनि देव का प्रभाव 12 राशियों पर देखने को मिलेगा. वृषभ राशि, कर्क राशि, कन्या राशि, वृश्चिक राशि, कुंभ राशि और मीन राशि पर मिलाजुला असर रहेगा. सिंह, तुला और धनु राशि वालों को संभल कर रहना होगा. मेष-मिथुन और मकर राशि के जातक को शनि देव का शुभ प्रभाव मिलेगा. सिंह, तुला और धनु राशि के जातक को वाद विवाद में नहीं उलझना है. सिर्फ अपने काम पर ध्यान देना है. स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें.
शनिदेव को नीले रंग के फूल अर्पित कर, इस मंत्र का जाप करें कुण्डली में व्याप्त शनिदोष होगा दूर। ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
यदि आपकी कोई ज्योतिषीय, आध्यात्मिक या गूढ़ जिज्ञासा हो, तो अपनी जन्म तिथि, जन्म समय व जन्म स्थान के साथ कम शब्दों में अपना प्रश्न radheshyam.kushwaha@prabhatkhabar.in या WhatsApp No- 8109683217 पर भेजें. सब्जेक्ट लाइन में ‘प्रभात खबर डिजीटल’ जरूर लिखें. चुनिंदा सवालों के जवाब प्रभात खबर डिजीटल के धर्म सेक्शन में प्रकाशित किये जाएंगे.