Shani Dosh: ज्योतिष में नीम का बहुत महत्व है. इसका उपयोग न केवल नक्षत्रों की दृष्टि से बल्कि कई प्रकार के धार्मिक कार्यों और कई ज्योतिषीय समस्याओं के समाधान के लिए भी किया जाता है. नीम का संबंध उत्तरा भाद्रपद से भी है. उत्तरा भाद्रपद आकाश में स्थित 27 नक्षत्रों में से 26वां नक्षत्र है. शास्त्रों के अनुसार नीम के पेड़ में देवी का वास होता है. इसी वजह से शीतलामाता के हाथों में नीम के पत्ते भी देखे जाते हैं. इतना ही नहीं यह कुंडली में शनि, राहु, केतु और मंगल की शांति के लिए भी बहुत उपयोगी है. इसके अलावा नीम का पेड़ परिवार के सुख-सौभाग्य को बढ़ाने और घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. जानिए नीम के पेड़ की पूजा करने के फायदे:
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अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष है तो नीम की पूजा करना काफी कारगर साबित हो सकता है. मंगलवार के दिन नीम के पेड़ पर जल चढ़ाकर चमेली के तेल का दीपक जलाएं. लगातार 11 मंगलवार को ऐसा करने से पवनपुत्र हनुमान की कृपा से मंगल दोष से मुक्ति मिल सकती है.
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जिन लोगों का जन्म उत्तर भाद्रपद नक्षत्र में हुआ है, उन लोगों को नीम के पेड़ की पूजा करनी चाहिए, साथ ही नीम के पेड़ की लकड़ी, उसके पत्ते या उसके फलों को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए.
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यदि आप भविष्य में अपनी प्रगति को बनाए रखना चाहते हैं तो आपको नीम के पेड़ के सामने हाथ जोड़कर प्रणाम करना चाहिए, साथ ही पेड़ की जड़ में जल अर्पित करना चाहिए. इसके अलावा नीम के पेड़ से जुड़ी किसी भी चीज को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए.
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यदि आप अपने नए व्यवसाय में किसी भी प्रकार की कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, तो उन कठिनाइयों से छुटकारा पाने के लिए स्नान के बाद नीम के पेड़ के पास जाकर रोली, चावल आदि से विधिपूर्वक इसकी पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से आपको शुभ फल प्राप्त होंगे.
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कुंडली में शनि की दशा ठीक करने के लिए घर के बाहर नीम का पेड़ सही दिशा में लगाएं. इसके साथ ही इसकी लकड़ी से हवन करें. इससे शनि देव की कृपा आप पर बनी रहेगी. इसके साथ ही नीम की लकड़ी से बनी माला धारण करने से भी लाभ होगा.
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अगर घर के बाहर नीम का पेड़ लगाया जाए तो यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के साथ-साथ ठंडक भी बरकरार रखता है.