Astrology: ज्योतिष शास्त्र में शनि को न्याय करने वाला देवता माना गया है. शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है. शनि व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं. हर व्यक्ति के जीवन में शनि का 10 साल प्रभाव रहता है. शनि देव के आशीर्वाद से जीवन में धन, संपत्ति, ऐशो आराम से भर जाता है, तो वहीं शनि के अशुभ प्रभाव से बिजनेस में परेशानी, नौकरी का छूटना, काम में रुकावट, पदोन्नति में बाधा और कर्ज जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. शनि की साढ़ेसाती तकरीबन साढ़े सात साल और ढैय्या ढाई साल तक रहती है, ये दोनों मिलकर 10 साल होते हैं. साढ़ेसाती और ढैय्या में कर्मों के अनुसार फल मिलता है, लेकिन कुंडली में शनि अशुभ स्थान पर बैठे हों तो शनि दोष उत्पन्न होता है. कुंडली के 3, 7 या 10वें घर में शनि विराजमान हों तो शनि दोष के कारण व्यक्ति के जीवन में कई समस्याएं आने लगती हैं. कई बार ऐसा होता है कि लोगों को शनि दोष लग जाता है और उन्हें पता भी नहीं होता. इसी कारण लोग इसका निवारण भी नहीं खोज पाते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं शनि दोष के लक्षण क्या हैं और इसका निवारण कैसे किया जा सकता है.
ये होते हैं शनि दोष के संकेत
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– यदि आपके जन्म कुंडली में शनि दोष है तो व्यक्ति के धन और संपत्ति का धीरे-धीरे नाश होने लगता है. उसकी समृद्धि और वैभव खत्म होने लगता है.
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– कुंडली में शनि दोष होने पर वाद-विवाद की स्थिति बनती है. व्यक्ति पर कोर्ट केस और झूठा आरोप लग सकता है, जिसके कारण मनुष्य कई तरह की कष्टों से जूझता हैं.
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– शराब, जुआ और अन्य गंदी आदतें भी शनि दोष का संकेत हैं. काम में अड़चने आना, कर्ज का बोझ होना, घर में आग लगना, मकान बिकना भी शनि दोष के लक्षण हैं.
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– शनि दोष के कारण व्यक्ति के बाल झड़ना, आंख खराब होना, कान में दर्द होता है. शनि खराब होने से शारीरिक कमजोरी, पेट दर्द, टीबी, कैंसर, चर्म रोग, फ्रैक्चर, पैरालाइसिस, सर्दी-जुकाम, अस्थमा आदि जैसे रोग हो जाते हैं.
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– शनि दोष के कारण व्यक्ति को काम का श्रेय नहीं मिलता, मेहनत का पूरा फल नहीं मिलता, नौकरी में परेशानी, दोस्तों और रिश्तेदारों से बेवजह झगड़ा होता है.
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शनि दोष से बचने का सरल उपाय
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– यदि कुंडली में शनि दोष है या शनि कमजोर है तो शनि का शुभ रत्न नीलम या उपरत्न काला अकीक, लाजवर्त या जमुनिया नीली में कोइ एक धारण कर सकते हैं. इसे शनिवार के दिन अभिमंत्रित करके पहना जाता है.
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– शनि दोष निवारण या शनि को मजबूत करने के लिए शनिवार को काले रंग के घोड़े की नाल से बनी अंगूठी को दाएं हाथ की मध्यमा अंगुली में पहनना चाहिए, इससे अभिमंत्रित करके पहनने से लाभ होता है.
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– शनिवार का व्रत विधिपूर्वक रखकर व्रत कथा का श्रवण करें. शनि देव की पूजा करें. ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करें. मांस, मदिरा का त्याग कर दें. ऐसा करने से कुंडली से शनि दोष दूर हो जाता हैं.
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– शनि दोष से मुक्ति के लिए शनिवार को शनि मंदिर के बाहर जूते या चप्पल और वस्त्र को छोड़ देते हैं, इसके अलावा आप गरीबों को काला कंबल, छाता, काला या नीले वस्त्र, लोहा, काला तिल आदि का दान कर सकते हैं.
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– शनि दोष को दूर करने के लिए शनिवार को शुभ मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठित किए गए शनि यंत्र को भी पहन सकते हैं.
शनि दोष से बचने का मंत्र और इसका महत्व
अगर आपके जन्म कुंडली में शनि दोष हैं तो आप इससे बचने के लिए इस मंत्र का जाप कर सकते हैं, ऐसा करने से न केवल आपके कुंडली से शनि दोष समाप्त हो जाएगी, बल्कि इसके साथ ही शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से भी आपको मुक्ति मिलेगी.
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
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