लाइव अपडेट
शनि जयंती पूजा का शुभ मुहूर्त
शनि जयंती 30 मई, दिन सोमवार को है. भगवान शनि देव की जयंती ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. इस बार शनि जयंती के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं जिसमें से एक सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 07 बजकर 12 मिनट से पूरे दिन रहेगा वहीं सुकर्मा योग: सुबह से रात 11 बजकर 39 मिनट तक रहेगा. अभिजीत मुहूर्त: दिन में 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक है. सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा पाठ करना ज्यादा फलदायी माना जाता है.
आज इस विधि से करें पूजा
पूजा आपके इलाके के शनि मंदिर या नवग्रह मंदिरों में की जा सकती है.
मंदिर में तेल, गंगाजल, पंचामृत से भगवान शनि की मूर्ति की सफाई की जाती है.
फिर भगवान शनि की मूर्ति को नौरत्नहार (नौ कीमती रत्नों का हार) से सजाया जाता है, सभी अनुष्ठानों का पालन करते हुए, इस दिन पूजा की जाती है और उनका आशीर्वाद लेने के लिए शनि स्तोत्र और शनि पथ का पाठ किया जाता है.
बाधारहित जीवन जीने के लिए शनि जयंती के दिन जरूरतमंदों को सरसों का तेल, काले कपड़े, काला तिल दान करना चाहिए.
इस दिन पूजा पूरी करने के लिए पुजारी के द्वारा होमम भी कराया जाता है.
शनि जयंती के दिन न करें ये काम
शनि जयंती के दिन सरसों का तेल, लकड़ी, उड़द की दाल नहीं खरीदना चाहिए. न ही बाल या नाखून काटने या कटवाने चाहिए. इसके साथ ही जूते-चप्पल खरीदना और तुलसी, पीपल या बेलपत्र का तोड़ना वर्जित बताया गया है. इन चीजों को आप अन्य दिन खरीद सकते हैं. इन चीजों को खरीदने से जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
साढ़े साती और ढैय्या से परेशान इन राशि वालों को करनी चाहिए शनि देव की विशेष पूजा
इस समय कर्क व वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या चल रही है. जबकि कुंभ, मकर व मीन राशि वाले शनि की साढ़े साती से प्रभावित हैं. ऐसे में इन 5 राशि वालों के लिए शनि जयंती का दिन बेहद खास है. क्योंकि इस दिन शनि की साढ़े साती व शनि ढैय्या से पीड़ित राशि वाले यदि सच्चे मन से शनिदेव की अराधना करेंगे तो शनि दोष से होने वाली परेशानी कम हो सकती है.
शनि जयंती शुभ मुहूर्त
शनि जयंती 30 मई, दिन सोमवार को है. भगवान शनि देव की जयंती ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. इस बार शनि जयंती के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं जिसमें से एक सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 07 बजकर 12 मिनट से पूरे दिन रहेगा वहीं सुकर्मा योग: सुबह से रात 11 बजकर 39 मिनट तक रहेगा. अभिजीत मुहूर्त: दिन में 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक है. सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा पाठ करना ज्यादा फलदायी माना जाता है.
शनि जयंती के दिन पढ़ें ये मंत्र
शनि देव के सामान्य मंत्र
ॐ शं शनैश्चराय नमः.
शनि देव के बीज मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः.
शनि देव के वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः.
साढ़े साती और ढैय्या से परेशान हैं तो शनि जयंती के दिन करें ये उपाय
शनि जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा भी करने की सलाह दी जाती है. ऐसा करने से शनिदोष साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव कम होने लगता है.
हनुमान जी की आरती-चालीसा आदि का पाठ करने से भी शनि के दोष समाप्त होते हैं इसलिए जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रहा हो उन्हें ये उपाय जरूर करने चाहिए.
शनि जयंती के दिन पीपल के वृक्ष पर सरसों के तेल का दीपक जलाकर उन्हें तिल अर्पित करने से शनि की बुरी नजर का प्रभाव कम होता है.
शनि जयंती के दिन काले वस्त्र पहनने की सलाह दी जाती है.
शनि जयंती के दिन शनि चालीसा का पाठ करने से लाभ मिलता है.
शनि जयंती के दिन गरीबों को अन्न-धन आदि का दान करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं.
शनि जयंती पर इस पूजा विधि से करें पूजा (Shani Jayanti Puja Vidhi)
पूजा आपके इलाके के शनि मंदिर या नवग्रह मंदिरों में की जा सकती है.
मंदिर में तेल, गंगाजल, पंचामृत से भगवान शनि की मूर्ति की सफाई की जाती है.
फिर भगवान शनि की मूर्ति को नौरत्नहार (नौ कीमती रत्नों का हार) से सजाया जाता है, सभी अनुष्ठानों का पालन करते हुए, इस दिन पूजा की जाती है और उनका आशीर्वाद लेने के लिए शनि स्तोत्र और शनि पथ का पाठ किया जाता है.
बाधारहित जीवन जीने के लिए शनि जयंती के दिन जरूरतमंदों को सरसों का तेल, काले कपड़े, काला तिल दान करना चाहिए.
इस दिन पूजा पूरी करने के लिए पुजारी के द्वारा होमम भी कराया जाता है.
शनि जयंती तिथि, समय (Shani Jayanti 2022 Date Time)
इस वर्ष शनि जयंती सोमवार, 30 मई 2022 को मनाई जाएगी. अमावस्या तिथि 29 मई 2022 को दोपहर 2:54 से शुरू होगी. अमावस्या तिथि 30 मई 2022 को शाम 4:59 बजे समाप्त होगी.
शनि जयंती तिथि, शुभ मुहूर्त
शनि जयंती 30 मई, दिन सोमवार को है. भगवान शनि देव की जयंती ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. इस बार शनि जयंती के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं जिसमें से एक सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 07 बजकर 12 मिनट से पूरे दिन रहेगा वहीं सुकर्मा योग: सुबह से रात 11 बजकर 39 मिनट तक रहेगा. अभिजीत मुहूर्त: दिन में 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक है. सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा पाठ करना ज्यादा फलदायी माना जाता है.
शनि जयंती के दिन न करें ये काम
शनि जयंती के दिन सरसों का तेल, लकड़ी, उड़द की दाल नहीं खरीदना चाहिए. न ही बाल या नाखून काटने या कटवाने चाहिए. इसके साथ ही जूते-चप्पल खरीदना और तुलसी, पीपल या बेलपत्र का तोड़ना वर्जित बताया गया है. इन चीजों को आप अन्य दिन खरीद सकते हैं. इन चीजों को खरीदने से जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
शनिदेव की पूजा के दौरान ये गलती न करें
शनिदेव की पूजा करते समय उनसे अपनी दृष्टि मिलाने की भूल न करें. ऐसा करने से वो क्रोधित हो सकते हैं.
शनि की पूजा के बाद उन्हें पलट कर नहीं देखना चाहिए. उन्हें पत्नी से ही श्राप मिला था. जिसके बाद से उनकी दृष्टि वक्र हो गई.
शनि पूजा के बाद घर में नहीं लाना चाहिए भोग. उसे मंदिर में खाकर समाप्त करना चाहिए.
शनि दोष कम करने का उपाय
आज पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और ‘ऊं शं शनैश्चराय नमः‘ मंत्र का जाप करें. फिर पीपल को छूकर प्रणाम करने के बाद सात परिक्रमा करें. शनिवार को एक बार ही भोजन करें और 7 बार शनि मंत्र दोहराएं.
मकान, वाहन सुख के लिए करें ये काम
अगर आपको भूमि, भवन, संपत्ति, वाहन सुख पाने की इच्छा है तो शनि जयंती अमावस्या तिथि के दिन आटे में काले तिल मिलाकर पूड़ी बनाएं. बनी पूड़ी का भोग सबसे पहले शनि देव को अर्पित करें. इसके बाद गरीबों को खिलाने से सर्व सुखों की प्राप्ति होती है.
दरिद्रता दूर करने के लिए शनि जयंती के दिन करें ये उपाय
आज शनि जयंती है. मान्यता है कि इस दिन दो तीन गरीबों एवं एक काले कुत्ते को भोजन कराने से दरिद्रा का नाश होता है.
धन प्राप्ति के लिए करें टोटके
धन प्राप्ति के लिए शनि जयंती के दिन सुबह और शाम को पीपल पेड़ का पूजन करने के बाद, गाय के कच्चे दुध में शक्कर मिलाकर पीपल पेड़ की जड़ में अर्पित करें. इसके बाद 11 परिक्रमा भी लगायें, इस उपाय से धन संबंधी समस्या समाप्त हो जाती है.
शनि देव के मंत्र
शनि देव के सामान्य मंत्र
ॐ शं शनैश्चराय नमः.
शनि देव के बीज मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः.
शनि देव के वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः.
शनि जयंती पर भूल कर भी न करें ये काम
मांस, मछली, मदिरा आदि का सेवन न करें
घर के लिए लोहे, कांच, तेल, उड़द व लकड़ी से बनी सामग्री खरीदने की भूल न करें.
पीपल, तुलसी के पत्ते, बेलपत्र न तोड़ें
बाल, दाढ़ी और नाखून नहीं कटवाएं
जूते-चप्पल की खरीदारी न करें
शनि देव के बिल्कुल सामने खड़े होकर पूजा करने की भूल न करें. उनसे आंखें न मिलाएं
पूजा करने शनि देव को पलट कर न देखें
शीशे की वस्तुएं खरीदकर घर नहीं लानी चाहिए
मान्यता है कि शनि जयंती के दिन कांच की वस्तु की खरीदारी नहीं करना चाहिए. इस दिन बाजार से शीशे की वस्तुएं खरीदकर घर नहीं लानी चाहिए.