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Sade Sati and Dhaiya 2023: इन राशियों को मिलेगी शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या से मुक्ति, जानें किनपर होगा असर

Sade Sati and Dhaiya 2023: अगले साल 2023 में शनि कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. शनि महाराज जब भी राशि परिवर्तन या गोचर करते हैं, उसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ता है. कुछ राशियों को ढैय्या और साढ़ेसाती से मुक्ति मिलती है तो कुछ के कुंडली में इनकी शुरुआत हो जाती है.

By Shaurya Punj | November 12, 2022 7:40 AM

Sade Sati and Dhaiya 2023:   शनिदेव हर इंसान को उसके कर्मों के हिसाब से फल प्रदान करते हैं. आने वाले साल 2023 में कुछ राशियों पर शनिदेव की तिरछी नजर रहेगी. फिलहाल  शनि अपनी स्वराशि मकर में विराजमान हैं. लेकिन 2023 में शनि कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. शनि महाराज जब भी राशि परिवर्तन या गोचर करते हैं, उसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ता है. कुछ राशियों को ढैय्या और साढ़ेसाती से मुक्ति मिलती है तो कुछ के कुंडली में इनकी शुरुआत हो जाती है.

जनवरी 2023 से शनि के प्रकोप से मिलेगी मुक्ति

ज्‍योतिष शास्‍त्र के अनुसार शनि देव 17 जनवरी 2023 की रात 8 बजकर 2 मिनट पर मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. शनि गोचर होते ही 2 राशियों को ढैय्या से 1 राशि के जातकों को साढ़े साती से मुक्ति मिलेगी. शनि की साढ़े साती और ढैय्या हटते ही इन राशियों के लोगों को ढेरों परेशानियों से राहत मिलेगी.

साल 2023 में इन राशि वालों के ऊपर रहेगी साढ़ेसाती और ढैय्या

जब अगले साल शनि कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे तब इसके कारण मीन राशि पर साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू हो जाएगा. इस तरह से साल 2023 में कुंभ,मकर और मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी. वहीं अगर शनि की ढैय्या की बात करें तो साल 2023 में कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी. ऐसे में इन राशि के जातकों के जीवन में तरह-तरह के कष्ट देखने को मिलेंगे.

शनि के अशुभ प्रभाव को ऐसे कम करें

शनिदेव की सच्चे मन से पूजा की जाए तो वो अपने भक्तों को मुसीबत से बचा लेते हैं. ऐसे में शनिदेव के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए शनिवार के दिन काला तिल और सरसों का तेल शनिदेव को अर्पित करें. साथ ही ऊँ शं शनैश्चराय नमः का रुद्राक्ष की माला में 108 बार जप करें.
दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. शनिवार को सामर्थ्य अनुसार काले तिल, काला कपड़ा, कंबल, लोहे के बर्तन, उदड़ की दाल का दान करें इससे शनिदेव प्रसन्न होकर शुभ फल प्रदान करते हैं.

  • शनिवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद पीपल को जल अर्पित करें. इसके साथ ही सात परिक्रमा करें.. उसी दिन शाम को पीपल की जड़ में सरसों का दीपक जलाएं.

  • मान्यता है कि शनि से संबंधित बाधाओं से छुटकारा पाने के लिए काले घोड़े की नाल या नाव की कील से अंगूठी बनाकर अपनी मध्यमा उंगली में शनिवार के दिन सूर्यास्त के समय धारण करे. इसके लिए ज्योतिष की सलाह जरूर लें.

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि देव ने बजरंगबली को ये वरदान दिया था वो उनके भक्तों को कभी नहीं सताएंगे. इसलिए शनिवार को हनुमान जी की भक्ति भाव से पूजा करनी चाहिए.

  • काले तिल, आटा, शक्कर का मिश्रण बनाकर हर शनिवार को चींटियों को खिलाएं. इससे शनि देव का अशुभ प्रभाव कम होता है.

  • शनिवार के दिन भगवान भोलेनाथ को जल में काला तिल मिलाकर अर्पित करना चाहिए.  ऐसा करने से व्यक्ति को गंभीर रोगों से मुक्ति मिलती है.

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