शनि की ज्योतिष शास्त्र में बड़ी भूमिका होती है. शनि की चाल में परिवर्तन से बड़ा उथल-पुथल होने लगता है. पूरी दुनिया इन दिनों एक गंभीर संकट कोरोना का सामना कर रही है, ऐसे में एक बार फिर ग्रहों की चाल ने ज्योतिष के जानकारों को परेशानी में डाल दिया है. ज्योतिष के नौ ग्रहों में से 6 ग्रह जल्द ही वक्री होने वाले है. ग्रहों के न्यायाधीश का दर्जा प्राप्त करने वाले शनि आज 11 मई से मकर राशि में वक्री हो रहे हैं. मकर राशि शनि कि स्वयं की राशि है. शनि के वक्री होने के एक दिन बाद ही 13 मई को सुख और ऐश्वर्य प्रदान करने वाले शुक्र भी वृष राशि में वक्री हो जाएंगे. वृष राशि भी शुक्र ग्रह की स्वयं की राशि है. 14 मई को शुभ ग्रह गुरु भी वक्री होंगे. इसके कुछ दिनों बाद 9 में से 6 ग्रह वक्री अवस्था में रहेंगा. 6 ग्रहों के एक साथ व्रकी होना एक दुर्लभ संयोग बन रहा है. इस दौरान जब राहु केतु के अलाव चार और ग्रह वक्री चाल से चलेंगें. वहीं इस बीच काल सर्प योग भी प्रभावी रहेगा. पूरी दुनिया इन दिनों एक गंभीर संकट का सामना कर रही है, ऐसे में 6 ग्रहों का एक साथ उलटी चाल कई मामलों में गंभीर होती दिख रही है.
11 मई 2020 को शनि अपनी राशि मकर में वक्री हो जाएंगे, जो सितंबर 29, 2020 तक इसी स्थिति में रहेंगे. वहीं, 13 मई को शुक्र वक्री हो जाएंगे, जो जून 25, 2020, गुरुवार तक इसी अवस्था में रहेंगे. 14 मई को बृहस्पति वक्री हो रहे हैं, जो 13 सितंबर रविवार तक वक्री रहेंगे. 18 जून को बुध उलटी चाल से चलने लगेंगे, जो 12 जुलाई दिन रविवार तक इसी स्थिति में रहेंगे. ऐसे में 18 जून से 25 जून के बीच ये चारों ग्रह एक ही समय पर वक्री चाल चलेंगे. वहीं राहु केतु को भी जोड़ लिए जाने पर वक्री गति चलने वाले ग्रहों की संख्या 6 हो जाएगी. ग्रहों की यह स्थिति 15 जुलाई तक कालपुरुष कुंडली में बने काल सर्प दोष के साथ परस्पर व्याप्त होती है, जिसका परिणाम चिंताजनक हो सकता है. पंडित शर्मा के अनुसार ग्रहों की इस वक्री चाल के समय 18 जून से 25 जून के बीच चार ग्रह – शनि, बृहस्पति, शुक्र और बुध-एक ही समय में वक्री गति में होंगे.
शुभ असर- मेष, कन्या, तुला, मकर और कुंभ
अशुभ असर- कर्क, वृष, कन्या और वृश्चिक राशि
मिलाजुला असर- मिथुन, सिंह, धनु और मीन
मेष- फायदा मिलने के संकेत, नौकरी और व्यापार के लिए समय अच्छा रहेगा.
वृष- वक्री शनि आपके रुके हुए काम पूरा करेगा.
मिथुन- मुसीबते आने की संभावना है.
कर्क- खर्च ज्यादा और आमदनी में लगातार कमी आ सकती है.
सिंह- व्यर्थ की भाद-दौड रहेगा, काम बनते-बनते बिगड जाएंगे. सेहत में गिरावट हो सकती है.
कन्या- आपकी छवि को नुकसान हो सकता है. कोई बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं. साथी संग वाद-विवाद बढ़ जाएगा.
तुला- परेशानियों में पहले के मुकाबले बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. बीमारी में भाददौड़ और पैसे खर्च हो सकते हैं.
वृश्चिक- आपको शनि के वक्री को सबसे ज्यादा लाभ मिलने के संकेत हैं.
धनु- कामकाज में रुकावटें पहले से बढ़ जाएंगी.
मकर- दुर्घटना की संभावना है और पैसे की हानि हो सकती है.
कुंभ- कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का पहला चरण है. वक्री शनि से आपको किस्मत का साथ मिल सकता है.
मीन- नई नौकरी प्राप्त करने के लिए सबसे बेहतर समय है. शनि आपको इस काम में जरूर सफलता दिलाएंगे.
ज्योतिष के सिद्धांतों के अनुसार, सूर्य और चंद्रमा हमेशा प्रत्यक्ष गति में होते हैं (अर्थात, वे कभी पीछे नहीं चलते हैं) जबकि राहु और केतु हमेशा प्रतिगामी यानी वक्री होते हैं (अर्थात, वे हमेशा पीछे की ओर बढ़ते हैं). पांच ग्रह, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और शनि दोनों प्रत्यक्ष (मार्गी) और प्रतिगामी (वक्री) गति में चलते हैं.