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Shani Gochar 2022: शनिदेव चलेंगे उल्टी चाल, साढ़ेसाती और ढैय्या के लिए करें ये उपाय, मिलेगी मुक्ति

Shani Gochar 2022:शनि साल 2022 में 29 अप्रैल को मकर राशि की यात्रा को विराम देते हुए कुंभ राशि में प्रवेश कर लिया था, फिर जून में वक्री हुए और अब 12 जुलाई को वक्री शनि मकर राशि में आ जाएंगे. शनि देव इस प्रकार 6 महीनों के लिए मकर राशि में विराजमान रहेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 8, 2022 5:51 PM

Shani Gochar 2022: कलयुग के न्यायाधीश शनि देव 12 जुलाई को मकर राशि में वक्री होने जा रहे हैं. वक्री मतलब किसी भी ग्रह का उल्टी चाल से चलना है. मतलब शनि अब कुंभ राशि से मकर राशि में वक्री होने जा रहै हैं. शनि साल 2022 में 29 अप्रैल को मकर राशि की यात्रा को विराम देते हुए कुंभ राशि में प्रवेश कर लिया था, फिर जून में वक्री हुए और अब 12 जुलाई को वक्री शनि मकर राशि में आ जाएंगे. शनि देव इस प्रकार 6 महीनों के लिए मकर राशि में विराजमान रहेंगे. इसके बाद शनि 17 जनवरी 2023 को पूर्ण रूप से कुंभ राशि में आ जाएंगे.

शनि साढ़ेसाती का प्रकोप कम करने के उपाय

शनिवार या अमावस्या के दिन सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर शनि देव का ध्यान करें. इसके बाद एक दीपक में सरसों का तेल डालकर जलाएं. प्रत्येक शनिवार या अमावस्या के दिन ऐसा करने से आपको शनि की साढ़ेसाती के दुष्प्रभाव से छुटकारा मिल सकता है.
सात तरह के अनाज सवा किलो की मात्रा में लें. इन अनाजों को अपने सिर से 7 बार घुमाएं. इसके बाद इन्हें पक्षियों के आगे डालें.

प्रत्येक शनिवार के दिन शनि देव की प्रतिमा पर सरसों का तेल अर्पित करें. इसके साथ ही मुमकिन हो तो काले रंग का कपड़ा भी चढ़ाएं. इस बेहद ही सरल उपाय को करने से आप अपने जीवन में चल रहे शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव को कम कर सकते हैं.

इसके अलावा जिन व्यक्तियों के जीवन में शनि की साढ़ेसाती का प्रकोप चल रहा हो उन्हें शरीर के ऊपरी हिस्से में काले रंग के कपड़े ना पहनने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा बाएँ पैर में काले रंग का धागा पहनने से ऐसे जातकों को फायदा मिल सकता है.

इसके अलावा एक और बेहद ही सरल उपाय है जिसके अनुसार एक मुट्ठी काले तिल को काले कपड़े में बांधकर अपने सिर से 7 बार घुमाकर किसी साफ और बहते पानी में प्रवाहित कर दें.
इसके अलावा कुष्ठ रोगियों को हर शनिवार के दिन काले रंग का कोई कपड़ा या रुमाल का दान करें. मुमकिन हो तो इसके साथ उन्हें कुछ पैसे का भी दान करें. ऐसा करने से आप अपने जीवन से शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव को कम या खत्म अवश्य कर सकते हैं.

  • गुरुवार के दिन चने की दाल और गुड़ पर हल्दी लगाकर गाय को खिलाएं. ऐसा करने से भी शनि दोष शांत करने में मदद मिलती है.

  • मंगलवार का व्रत करें या मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर अवश्य जाएं. इसके अलावा मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करें. मान्यता है कि, शनि देव कभी भी हनुमान जी के भक्तों को परेशान नहीं करते हैं. ऐसे में मंगलवार के दिन उपायों को करके आप शनि के दुष्प्रभावों से बच सकते हैं.

  • शनिवार के दिन एक बर्तन में पानी लेकर उसमें गंगा जल डालें और उसके बाद उसमें थोड़ी चीनी और काला तिल मिलाकर इस मिश्रण को पीपल की जड़ में अर्पित कर दें. इसके बाद पीपल के पेड़ की तीन बार परिक्रमा लगाएं. ऐसा करने से शनि देव की प्रसन्नता हासिल होती है और साथ ही उनके दुष्प्रभाव से बचने में भी मदद मिलती है.

  • शनिवार और मंगलवार के दिन हनुमान जी और शनि देव के मंत्रों का उच्चारण करें. ऐसा करने से भी आपको शनि के दुष्प्रभाव से बचने में मदद मिलेगी. इसके अलावा काले कपड़े, काले तिल, काली दाल, लोहे का कोई भी सामान, कंबल इत्यादि का दान करना भी शनि दोष को कम करने में सहायक साबित होता है.

  • इसके अलावा शनिवार के दिन शनि मंदिर अवश्य जाएं और सरसों के तेल और काले तिल से शनि देव की पूजा करें.

  • इसके अलावा किसी के बारे में बुरा बोलने, सोचने और करने से बचें. ज़रूरतमंदों की मदद करें ऐसा करने से भी शनि देव शुभ फल अवश्य प्रदान करेंगे.

शनि की साढ़ेसाती के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए करें ये उपाय

  • सुबह जल्दी उठकर पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और सात बार परिक्रमा करें. शाम को सर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के पास दीपक जलाना चाहिए.

  • सुबह जल्दी उठकर स्नादि कार्यों से निवृत होकर एक कटोरी में सरसों का तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखें. उसके बाद तेल को किसी जरुरतमंद व्यक्ति को दान कर दें. इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और भाग्य संबंधी बाधाएं भी दूर होती हैं.

  • तांबे के दीपक में तिल या सरसों का तेल भरकर ज्योति जलानी चाहिए.

  • प्रत्येक शनिवार को उड़द की दाल को भोजन में शामिल कीजिए और एक समय उपवास करिये.

  • शनि का शुभ परिणाम पाने के लिए अपने आचरण में सुधर करें और अपने माता-पिता को हमेशा सम्मान दें.

  • एक लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरें और दान कर दें.

  • शनि के मंत्र ॐ शं शनिश्चरायै नमः का जाप 3 माला रोज शाम को करें.

  • शनिवार की शाम को सरसों के तेल का दिया पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं और पीपल के पेड़ की सात परिक्रमा लगातार 40 शनिवार करें.

  • साढ़े साती के दौरान ग्रह शनि को खुश करने के लिए प्रत्येक शनिवार को भगवान शनि की पूजा करना सबसे अच्छा उपाय है.

  • शनि के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए.

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