किसानों को आत्मनिर्भर बना रहीं पश्चिमी सिंहभूम की शांति, 200 से ज्यादा तालाबों का करा चुकी हैं निर्माण
शांति सिदू उम्बुल ट्रस्ट की सचिव हैं. इसमें टाटा स्टील फाउंडेशन के सहयोग से पश्चिमी सिंहभूम के विभिन्न प्रखंडों में में किसानों के लिए 200 से ज्यादा तालाब बनवा चुकी हैं.
दशमत सोरेन, जमशेदपुर
पश्चिमी सिंहभूम के कुमारडुंगी की रहने वाली शांति सिदू (38) शिक्षा की ज्योति जलाने के साथ किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही हैं. जमशेदपुर के बारीडीह में पली-बढ़ी शांति इस कार्य को उम्बुल ट्रस्ट के जरिये आगे बढ़ा रही हैं. इसमें उन्हें टाटा स्टील फाउंडेशन से सहयोग मिलता है. शांति ने निजी खर्च से एक शिक्षण केंद्र खोला है, जिसमें 50 बच्चे पढ़ते हैं. उन्हें पाठ्य सामग्री वह स्वयं मुहैया कराती है. उन्होंने उम्बुल ट्रस्ट बनाया है. इसके बैनर तले पिछले एक दशक से काम कर रही हैं.
शांति सिदू उम्बुल ट्रस्ट की सचिव हैं. इसमें टाटा स्टील फाउंडेशन के सहयोग से पश्चिमी सिंहभूम के विभिन्न प्रखंडों में में किसानों के लिए 200 से ज्यादा तालाब बनवा चुकी हैं. इन तालाबों की मदद से किसान मछली पालन, बतख पालन के साथ-साथ सालोंभर खेतीबाड़ी कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं. शांति सिदू ने कुमारडुंगी में 50 डिसमिल जमीन पर आमरूद, नींबू समेत सब्जियां लगायी हैं. उन्हें देखकर अन्य किसान भी अब बागवानी करने लगे हैं.
लोगों की समस्या जानी, फिर उसे दूर करने की ठानी
चाईबासा, तांतनगर, मंझारी, कुमारडुंगी, मझगांव, हाटगम्हरिया, झीकपानी व नोवामुंडी में किसानों के लिए 200 से ज्यादा तालाब बनवा चुकी हैं शांति सिदू.
शांति सिदू ने बताया कि पिताजी पदहरि सिदू टाटा स्टील के कर्मचारी थे. उस वक्त उनका परिवार बागबेड़ा में रहता था. पिताजी ने इएसएस ले लिया, तो गांव में शिफ्ट हो गये. गांव में टाटा स्टील फाउंडेशन की ओर से तुरतुंग क्लास का संचालन होता था. तुरतुंग क्लास से जुड़े होने की वजह से उनका कई गांवों में जाना होता था. इस क्रम में उन्हें ग्रामीणों की समस्याओं को करीब से देखा और उसे दूर करने की ठानी.