शांतिनिकेतन बना विश्व धरोहर, यूनेस्को की घोषणा के बाद विश्व भारती में आनंद उत्सव
भारत का शांतिनिकेतन विश्व धरोहर बन गया है. यूनेस्को ने अपने एक्स (ट्वीटर) हैंडल पर इसकी घोषणा की है. इस घोषणा के बाद शांतिनिकेतन में उत्सव का माहौल है, इसे लेकर विश्वभारती में आज आनंद उत्सव मनाया जाएगा. शांतिनिकेतन का यह सम्मान वाकई देश के लिए गौरव की बात है.
बोलपुर, मुकेश तिवारी : यूनेस्को ने शांतिनिकेतन को विश्व धरोहर स्थल घोषित कर दिया है. यूनेस्को ने रविवार को अपने एक्स (ट्वीटर) हैंडल पर इसकी घोषणा की है. शांति निकेतन को ‘विश्व धरोहर’ के रूप में मान्यता मिली है. शांतिनिकेतन बंगाली भावनाओं से गहराई से जुड़ा हुआ है. यहां तक कि वे बंगाली भी, जिन्होंने कभी शांतिनिकेतन में कदम नहीं रखा है, शांतिनिकेतन नाम से मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. शांतिनिकेतन की तस्वीर रविंद्र नाथ टैगोर ने अपनी कल्पना के रंगों में अपने तरीके से रंगी थी.
🔴BREAKING!
New inscription on the @UNESCO #WorldHeritage List: Santiniketan, #India 🇮🇳. Congratulations! 👏👏
➡️ https://t.co/69Xvi4BtYv #45WHC pic.twitter.com/6RAVmNGXXq— UNESCO 🏛️ #Education #Sciences #Culture 🇺🇳 (@UNESCO) September 17, 2023
शांतिनिकेतन का यह सम्मान, देश के लिए गौरव
शांतिनिकेतन का यह सम्मान निस्संदेह देश के लिए गौरव की बात है. इस घोषणा के बाद शांतिनिकेतन में उत्सव का माहौल है. इस घोषणा के बाद विभिन्न सोशल प्लेटफॉर्म पर बधाई संदेशों की बाढ़ आ गई है. इस राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर लिखा है, ‘बंगाली का गौरवपूर्ण क्षण.’ शांति निकेतन को विश्व धरोहर स्थल घोषित किए जाने के बाद विश्व भारती में सोमवार को आनंद उत्सव मनाया जाएगा. शाम 6 बजे पूजा घर में मनाया जाएगा.
यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल हैं विभिन्न स्थान
यूनेस्को विश्व धरोहर की सलाहकार संस्था आईसीओएमओएस ने इस श्रेणी में शांतिनिकेतन का नाम प्रस्तावित किया. यह बात खुद केंद्रीय सूचना एवं संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर कही थी. अब मंजूरी की मुहर लग गई है. विश्व के विभिन्न स्थान, जिनकी सांस्कृतिक-प्राकृतिक विशेषताओं को दुनिया भर में कैद किया गया है, यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल हैं. 2021 में ECOMOS का एक प्रतिनिधिमंडल शांतिनिकेतन आया था. उन्होंने विश्व भारती का भी दौरा किया था. इस दौरे के बाद उन्होंने एक रिपोर्ट भी तैयार कर जमा दिया था. बताया जाता है कि यूनेस्को का यह समावेश उसी रिपोर्ट पर आधारित है.
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