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Sharad Purnima 2022: शरद पूर्णिमा आज, होगी अमृत वर्षा, खीर का प्रसाद बनाने की है परंपरा

Sharad Purnima 2022: कहते हैं कि शरद पूर्णिमा की रात्रि को चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है. शरद पूर्णिमा की चांदनी में औषधीय गुण भी होते हैं. विभिन्न प्रकार के असाध्य रोगों का निवारण होता है. इस दिन से सर्दियों की शुरुआत हो जाती है, ऐसा माना जाता है.

Sharad Purnima 2022: यूं तो हर माह में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि शुभ मानी जाती है. लेकिन, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा का खास महत्व (Sharad Purnima ka Mahatva) है. सरायकेला-खरसावां में 9 अक्टूबर (रविवार) को पवित्र शरद पूर्णिमा मनायी जा रही है. शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहा जाता है. शरद पूर्णिमा को काफी पवित्र दिन माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन लक्ष्मी-नारायण की पूजा से समृद्धि आती है. शरद पूर्णिमा पर क्षेत्र में कई धार्मिक अनुष्ठान का भी आयोजन किया जा रहा है.

शरद पूर्णिमा पर मंदिरों में होता है विशेष आयोजन

शरद पूर्णिमा पर मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन होता है. शरद पूर्णिमा का दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए खास माना जाता है. घरों में मां लक्ष्मी की पूजा की जा रही है. साथ ही सत्यनारायण व्रत कथा का भी आयोजन किया जा रहा है. कहते हैं कि शरद पूर्णिमा की रात्रि को चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है. शरद पूर्णिमा की चांदनी में औषधीय गुण भी होते हैं. विभिन्न प्रकार के असाध्य रोगों का निवारण होता है. इस दिन से सर्दियों की शुरुआत हो जाती है, ऐसा माना जाता है.

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शरद पूर्णिमा का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, इस दिन अगर अनुष्ठान किया जाये, तो यह अवश्य सफल होता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ महारास रचाया था. विशेष रूप से इस व्रत को लक्ष्मी प्राप्ति के लिए रखा जाता है. इस दिन जागरण करने वालों की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है. रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन करने की परंपरा है. इस दिन माता लक्ष्मी का पूजन करने से विशेष लाभ मिलता है. इस दिन सात्विक आहार ही ग्रहण किया जाता है. कई लोग तो उपवास भी करते हैं.

इम्यूनिटी बढ़ाती है शरद पूर्णिमा की रात

आचार्य एके मिश्रा के अनुसार, शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की किरणें औषधीय गुणों से युक्त अमृत के समान होती हैं. इसलिए खुले आसमान में खीर रखी जाती है. मान्यता है कि चंद्रमा की किरणें खीर में पड़ने से यह कई गुना गुणकारी और लाभकारी हो जाती है. भोर में इसका सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. धार्मिक मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात्रि में चंददेव अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होकर अमृत वर्षा करते हैं.

शरद पूर्णिमा तिथि, चंद्र उदय का समय

  • शरद पूर्णिमा तारीख : 9 अक्टूबर, 2022

  • शरद पूर्णिमा चंद्र उदय का समय : शाम 05:51 बजे

  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ : 9 अक्टूबर 2022, सुबह 03:41 बजे से

  • पूर्णिमा तिथि समाप्त : 10 अक्टूबर, सुबह 02:24 बजे

रिपोर्ट- शचिंद्र कुमार दाश, खरसावां

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