शारदीय नवरात्र का शुभारंभ 15 को, गज पर आ रहीं हैं मां दुर्गा
भगवती पुराण के अनुसार इस बार माता का आगमन गज पर हो रहा है. जो अधिक जल वृष्टि का संकेत देता है. माता का गमन कुकुट पर हो रहा है. यह छोटे-मोटे युद्ध की संभावना व प्रजा को कष्ट का संकेत है. जबकि बांग्ला पंजी के अनुसार माता का आगमन और गमन दोनों अश्व पर हो रहा है.
ओडिशा समेत पूरे देश में इस बार शारदीय नवरात्र का शुभारंभ रविवार (15 अक्तूबर) को हो रहा है. इसी दिन कलश स्थापना और माता शैलपुत्री का पूजन होगा. माता का पूजन सूर्योदय के बाद किसी भी समय किया जा सकता है. आचार्य एके मिश्र बताते हैं कि कलश स्थापना व पूजन के लिए सर्वोत्तम मुहूर्त दिवा 10:27 से 11:54 बजे तक है. जबकि शुभ मुहूर्त सुबह 5:43 से 5:56 बजे और दोपहर 3:55 से 5:10 बजे तक है.
माता का आगमन और गमन
आचार्य मिश्र बताते हैं कि भगवती पुराण के अनुसार, इस बार माता का आगमन गज पर हो रहा है. जो अधिक जल वृष्टि का संकेत देता है. माता का गमन कुकुट पर हो रहा है. यह छोटे-मोटे युद्ध की संभावना व प्रजा को कष्ट का संकेत है. जबकि बांग्ला पंजी के अनुसार, माता का आगमन और गमन दोनों अश्व पर हो रहा है. छत्र भंग (राज्य भय) और छोटे-मोटे युद्ध का संकेत देता है.
नवरात्र एक नजर में
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प्रथम दिवस : कलश स्थापना व माता शैलपुत्री का पूजन
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द्वितीय दिवस : सोमवार, 16 अक्तूबर को माता ब्रह्मचारिणी का पूजन व आराधना,
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तृतीय दिवस : मंगलवार, 17 अक्तूबर को माता चंद्रघंटा का पूजन व आराधना
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चतुर्थ दिवस : बुधवार, 18 अक्तूबर को माता कुष्मांडा का पूजन व आराधना
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महापंचमी : गुरुवार, 19 अक्तूबर को माता स्कंदमाता का पूजन व आराधना
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महाषष्ठी : शुक्रवार, 20 अक्तूबर को बिल्व अभिमंत्रण, माता कात्यायनी का पूजन व आराधना
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महासप्तमी : शनिवार, 21 अक्तूबर को पत्रिका प्रवेश, माता कालरात्रि का पूजन व आराधना
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महाष्टमी : रविवार, 22 अक्तूबर को नवरात्र व्रत, माता महागौरी का पूजन व आराधना, पूजन व पुष्पांजलि (सुबह 7:12 से 11:53 बजे व 12:57 से 2:20 बजे तक), संधि पूजन (संध्या 5:01 से 5:49 बजे), बलि पूजन (संध्या 5:25 बजे)
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महानवमी : सोमवार, 23 अक्तूबर को माता सिद्धिरात्रि का पूजन व आराधना, कुमारी पूजन, नवरात्र के निमित्त हवन आदि के लिए शुभ मुहूर्त (सुबह 8:39 से 10:03 बजे, 11:08 से 11:52 बजे व 12:56 से 3:19 बजे तक)
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विजयादशमी : मंगलवार, 24 अक्तूबर को पूजन, शमी अपराजिता पूजन, शस्त्र पूजन व विजय मुहूर्त (सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 8:39 से 12:48 बजे तक).