Navratri 2020 Date : नवरात्रि कब शुरू हो रहा है. नवरात्रि में व्रत-उपवास, माता जी की पूजा कैसे की जाती है. यह जानना लोगों के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि नवरात्रि बहुत जल्द शुरू होने वाला है. इन 9 दिनों में मां की पूजा, व्रत और उपवास किए जाएंगे, लेकिन आपको इस दौरान कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए. मार्कंडेय और देवी पुराण के अनुसार देवी पूजा और व्रत-उपवास नियम के अनुसार ही करना चाहिए. वरना इनका फल नहीं मिल पाता है. पुराणों के अनुसार इन नौ दिनों में पूरे संयम से रहना चाहिए और इंद्रियों पर नियंत्रण रखना चाहिए. ऐसा करने से आध्यात्मिक और शारीरिक शक्ति तो बढ़ती ही है मां दुर्गा भी प्रसन्न होती हैं.
नवरात्रि अब कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है. इस समय भक्त देवी माता की पूजा और अराधना करते है. नवरात्रि के पहले दिन भक्त 9 दिनों के व्रत और उपवास का संकल्प लेना चाहिए. इसके लिए सीधे हाथ में जल लेकर उसमें चावल, फूल, एक सुपारी और सिक्का रखें. हो सके तो किसी ब्राह्मण को इसके लिए बुलाएं. ऐसा न हो सके तो अपनी कामना पूर्ति के लिए मन में ही संकल्प लें और माता जी के चरणों में वो जल छोड़ दें.
नवरात्रि में विशेष ध्यान देने की जरूरत है. इन दिनों व्रत-उपवास में सुबह जल्दी उठकर नहाना चाहिए, इसके बाद घर की सफाई करें. पूरे घर में गौमूत्र और गंगाजल का छिड़काव करें. उसके बाद माता जी की पूजा करें. पूजा में ताजा पानी और दूध से माता जी को स्नान करवाएं. फिर कुमकुम, चंदन, अक्षत, फूल और अन्य सुगंधित चीजों से पूजा करें और मिठाई का भोग लगाकर आरती करें. नवरात्रि के पहले ही दिन घी या तेल का दीपक लगाएं. ध्यान रखें वो दीपक नौ दिनों तक बुझ न पाएं.
व्रत-उपवास में माता जी की पूजा करने के बाद ही फलाहार करें. यानि सुबह माता जी की पूजा के बाद दूध और कोई फल ले सकते हैं. व्रत के दौरान नमक नहीं खाना चाहिए. उसके बाद दिनभर मन ही मन माता जी का ध्यान करते रहें. शाम को फिर से माता जी की पूजा और आरती करें. इसके बाद एक बार और फलाहार कर सकते हैं. अगर न कर सके तो शाम की पूजा के बाद एक बार आप भोजन कर सकते हैं.
माता जी की पूजा के बाद रोज 1 कन्या की पूजा करें और भोजन करवाकर उसे दक्षिणा दें. नवरात्रि के दौरान तामसिक भोजन नहीं करें. नवरात्रि व्रत के दौरान 9 दिन तक लहसुन, प्याज, मांसाहार, ठंडा और जूठा भोजन नहीं करना चाहिए. इन दिनों में क्षौरकर्म न करें. यानि बाल और नाखून न कटवाएं और शेव भी न बनावाएं, इनके साथ ही तेल मालिश भी न करें. नवरात्रि के दौरान दिन में नहीं सोएं.
नवरात्रि में सूर्योदय से पहले उठकर नहा लें. इस दौरान शांत रहने की कोशिश करें. झूठ न बोलें और गुस्सा करने से भी बचें. इसके साथ ही मन में किसी के लिए गलत भावनाएं न आने दें. अपनी इंद्रियों का काबु रखें और मन में कामवासना जैसे गलत विचारों को न आने दें. नवरात्रि के व्रत-उपवास बीमार, बच्चों और बूढ़ों को नहीं करना चाहिए. क्योंकि इनसे नियम पालन नहीं हो पाते हैं
News posted by : Radheshyam kushwaha