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Durga Puja 2023: बंदगांव में 125 साल पुरानी है शिव दुर्गा की अनोखी पूजा परंपरा, पुरुलिया से आते हैं पुजारी

बंदगांव कराईकेला पंचायत के पुरनाडीह गांव में शिव दुर्गा की पूजा परंपरा काफी अनोखी है. साथ ही यह 125 साल पुरानी है. सेन परिवार ने एक झोपड़ी में शिव दुर्गा की मूर्ति स्‍थापित कर पूजा शुरू की थी. माता पर भक्तों की काफी आस्था है.

बंदगांव (पश्चिमी सिंहभूम), अनिल तिवारी : पश्चिमी सिंहभूम जिले के बंदगांव प्रखंड के घाटी नीचे कराईकेला पंचायत के पुरनाडीह गांव में बांग्लाभाषी सेन परिवार द्वारा 125 वर्षों से शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा एवं शिव पूजा का आयोजन किया जा रहा है. घाटी नीचे 64 मौजा में मात्र एक ही जगह दुर्गा मंदिर में शिव दुर्गा है. कराईकेला निवासी स्वर्गीय श्यामाचरण सेन द्वारा 1897 में एक झोपड़ी का निर्माण कर यहां शिव दुर्गा की मूर्ति स्थापना की गई थी और पूजा प्रारंभ की गई थी. उसके बाद से पूजा का आयोजन लगातार होता आया है.

शिव दुर्गा में भक्तों की काफी आस्था

कालांतर में सेन परिवार के सदस्य बंगाल के मेदिनीपुर, बांकुड़ा, पुरुलिया, हल्दिया, कोलकाता आदि जगहों में नौकरी व्यापार करते-करते बस गए, लेकिन शिव दुर्गा की असीम कृपा से कराईकेला में पूजा का आयोजन कभी बंद नहीं हुआ. यहां पूजा में सभी सेन परिवार के सदस्‍य जरूर शामिल होते हैं. कुछ सदस्‍य पुरनाडीह में रहकर सालों भर मां दुर्गा की पूजा करवाते हैं. मां दुर्गा की प्रतिदिन पूजा एवं आरती होती है. जिस कारण भक्तों की काफी आस्था है.

पुरुलिया के पुजारी करते हैं मां दुर्गा की विशेष पूजा

यहां पुरुलिया के पुजारी आकर मां दुर्गा की विशेष पूजा करते हैं. मूर्ति बांकुड़ा के कारीगर द्वारा तैयार किया जाता रहा है. शिव दुर्गा की अनुकंपा से साल 1954 में भव्य मंदिर का निर्माण हो गया, जिसे आगे चलकर साज सज्जा कर सुंदर बना दिया गया. पूजा की एक विशेषता यह है कि पूजा प्रारंभ से लेकर आज तक 125 वर्ष के इतिहास में सेन परिवार ने किसी से किसी प्रकार का आर्थिक सहयोग नहीं लिया. कराईकेला सहित आसपास के श्रद्धालु पूजा अर्चना करने यहां पहुंचते हैं.

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