Navratri 2023: तप का आचरण करने वाली देवी हैं मां ब्रह्मचारिणी, जानें पूजा विधि, मंत्र-आरती और पौराणिक कथा

Maa Brahmacharini Puja Vidhi: मां ब्रह्मचारिणी द्वितीय स्वरुप है. इन्होंने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया था. इसलिए इन्हें ब्रह्मचारिणी कहा जाता है. इनके बांए हाथ में कमंडल सुशोभित है तो दाहिने हाथ में माला धारण करती हैं.

By Radheshyam Kushwaha | October 16, 2023 8:52 AM
undefined
Navratri 2023: तप का आचरण करने वाली देवी हैं मां ब्रह्मचारिणी, जानें पूजा विधि, मंत्र-आरती और पौराणिक कथा 7
ऐसा है मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप

माता ब्रह्मचारिणी की उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की भावना जागृत होती है. कहा जाता है कि माता पार्वती के हजारो साल कठोर तप करने के बाद उनके तपेश्वरी स्वरूप को ब्रह्मचारिणी के नाम से जाना गया. देवी ब्रह्मचारिणी साक्षात ब्रह्म का स्वरूप है. वे इस लोक के समस्त चर और अचर जगत की विद्याओ की ज्ञाता हैं और सफेद रंग के वस्त्र धारण करती है. माता के दाहिने हाथ में जप की माला और बाएं हाथ में कमंडल रहता है. मां ब्रह्मचारिणी पवित्रता और शांति का प्रतीक मानी जाती हैं.

Navratri 2023: तप का आचरण करने वाली देवी हैं मां ब्रह्मचारिणी, जानें पूजा विधि, मंत्र-आरती और पौराणिक कथा 8
मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि

मां ब्रह्मचारिणी को पंचामृत से स्नान कराएं, फिर अक्षत, कुमकुम, सिन्दुर, अर्पित करें. सफेद और सुगंधित पुष्प, इसके अलावा कमल या गुड़हल का फूल भी देवी मां को चढ़ाएं. मिश्री या सफेद- मिठाई मां को भोग लगाएं, आरती करें एवं प्रार्थना करते हुए मंत्र बोलें.

Navratri 2023: तप का आचरण करने वाली देवी हैं मां ब्रह्मचारिणी, जानें पूजा विधि, मंत्र-आरती और पौराणिक कथा 9
मां ब्रह्मचारिणी का पूजन मंत्र

दधाना कर पद्माभ्याम कमण्डलू ।

देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ।।

मां ब्रह्मचारिणी का बीज मंत्र

‘ह्रीं श्री अम्बिकायै नमः’

Navratri 2023: तप का आचरण करने वाली देवी हैं मां ब्रह्मचारिणी, जानें पूजा विधि, मंत्र-आरती और पौराणिक कथा 10
ब्रह्माचारिणी माता की आरती

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता जय चतुरानन प्रिय सुख दाता ।

ब्रह्मा जी के मन भाती हो। ज्ञान सभी को सिखलाती हो।

ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा। जिसको जपे सकल संसारा ।

जय गायत्री वेद की माता। जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।

कमी कोई रहने न पाए। कोई भी दुख सहने न पाए।

उसकी विरति रहे ठिकाने। जो तेरी महिमा को जाने।

रुद्राक्ष की माला ले कर जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर ।

आलस छोड़ करे गुणगाना। मां तुम उसको सुख पहुंचाना।

ब्रह्माचारिणी तेरो नाम पूर्ण करो सब मेरे काम।

भक्त तेरे चरणों का पुजारी रखना लाज मेरी महतारी।

Navratri 2023: तप का आचरण करने वाली देवी हैं मां ब्रह्मचारिणी, जानें पूजा विधि, मंत्र-आरती और पौराणिक कथा 11
पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार पूर्वजन्म में मां ब्रह्मचारिणी ने हिमालय के घर पुत्री रूप में जन्म लिया था और नारदजी के उपदेश से भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की थी. इस कठिन तपस्या के कारण इन्हें तपश्चारिणी अर्थात् ब्रह्मचारिणी नाम से जाना गया. एक हजार वर्ष तक इन्होंने केवल फल-फ खाकर बिताए और सौ वर्षों तक केवल जमीन पर रहकर शाक पर निर्वाह किया. कुछ दिनों तक कठिन उपवास रखे और खुलें आकाश के नीचे नववर्षा और धूप के घोर कष्ट सहे.

Navratri 2023: तप का आचरण करने वाली देवी हैं मां ब्रह्मचारिणी, जानें पूजा विधि, मंत्र-आरती और पौराणिक कथा 12

तीन हजार वर्षों तक टूटे हुए बिल्व पत्र खाए और भगवान शंकर की आराधना करती रही. इसके बाद तो उन्होंने सूखे बिल्व पत्र खाना भी छोड़ दिया. कई हजार वर्षों तक निर्जल और निराहार रह कर तपस्या करती रहीं. पत्तों को खाना छोड़ देने के कारण ही इनका नाम अपणी नाम पड़ गया. कठिन तपस्या के कारण देवी का शरीर एकदम क्षीण हो गया. देवता, ऋषि, सिद्धगण, मुनि सभी ने ब्रह्मचारिणी की तपस्या को अभूतपूर्व पुण्य कृत्य बताया, सराहना की और कहा कि हे देवी तुम्हारी मनोकामना परिपूर्ण होगी और शिवजी तुम्हें पति रूप में प्राप्त होंगे.

Next Article

Exit mobile version