21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Navratri Puja: साधना-उपासना का महापर्व कल से शुरू, शारदीय नवरात्र की पूर्णाहुति में रखें इन बातों का ध्यान

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानि 15 अक्टूबर दिन रविवार से शारदीय नवरात्रि का महापर्व प्रारंभ हो रहा है. इसी दिन घट स्थापना होगी. इस बार नवरात्रि पूरे नौ दिनों की होगी. विद्वानों ने नवरात्र के दौरान सात्विक आचरण के अनुपालन के साथ साधना-उपासना का विशेष महत्व बतलाया है.

Undefined
Navratri puja: साधना-उपासना का महापर्व कल से शुरू, शारदीय नवरात्र की पूर्णाहुति में रखें इन बातों का ध्यान 7

हवनकुंड या हवन-पात्र का जल, चंदन, अक्षत से पूजन कर एवं उपली, लकड़ी रखकर कर्पूर से अग्नि प्रज्वलित करना चाहिए. हवन में अग्निदेव का मंत्र न मालूम हो तो मानसिक आवाहन कर और चतुर्दिक जल से अभिसिंचित कर तथा चंदन, अक्षत अग्नि में डालकर पुष्प किनारे रखना चाहिए.

Undefined
Navratri puja: साधना-उपासना का महापर्व कल से शुरू, शारदीय नवरात्र की पूर्णाहुति में रखें इन बातों का ध्यान 8

अग्नि, सूर्य, धरती आदि केलिए ‘स्वाहा’ बोलते हुए घी डालना चाहिए. स्वाहा के बाद, ‘यह आहुति ईष्टदेव केनिमित्त है, मेरे लिए नहीं’ की भावना रखनी चाहिए. महिलाएं घी से आहुति न दें. उनके लिए निषेध है. संस्कृत में मंत्र न याद हो तो किसी देवी-देवता का स्मरण कर अंत में ‘स्वाहा’ बोलना चाहिए.

Undefined
Navratri puja: साधना-उपासना का महापर्व कल से शुरू, शारदीय नवरात्र की पूर्णाहुति में रखें इन बातों का ध्यान 9

ईश्वर की अनगिनत कृपा मिली है, लिहाजा कोई जरूरी नहीं गिनती से ही आहुति दी जाये. अनगिनत आभार भी व्यक्त करते रहना चाहिए. आहुति देते समय मन में घर के सबसे छोटे सदस्यों से शुरू कर हरेक केलिए तथा शुभचिंतकों के कल्याण केलिए यज्ञनारायण से प्रार्थना करते रहना चाहिए.

Undefined
Navratri puja: साधना-उपासना का महापर्व कल से शुरू, शारदीय नवरात्र की पूर्णाहुति में रखें इन बातों का ध्यान 10

अग्नि का भलीभांति प्रज्वलन तथा लपट का दक्षिण दिशा की ओर उठना शुभ संकेत माना जाता है. खुले में हवन की जगह घर के मंदिर के आसपास छत के नीचे ही हवन करना चाहिए, ताकि अग्नि की तरंगें अनंत आकाश में गुरुत्वाकर्षण में जाने के पहले यज्ञकर्त्ता को प्राप्त हो सके.

Undefined
Navratri puja: साधना-उपासना का महापर्व कल से शुरू, शारदीय नवरात्र की पूर्णाहुति में रखें इन बातों का ध्यान 11

अंत में पुनः जल, अक्षत, पुष्प और नैवेद्य देकर विभूति (भस्म) आज्ञाचक्र, कंठ और नाभि में लगाना चाहिए. यज्ञ केलिए लोहे केपात्र से नहीं, बल्कि सूर्वा प्रोक्षणी (लकड़ी केपात्र) से घी डालना चाहिए.

Undefined
Navratri puja: साधना-उपासना का महापर्व कल से शुरू, शारदीय नवरात्र की पूर्णाहुति में रखें इन बातों का ध्यान 12
कलश स्थापना का शुभ-मुहूर्त

इस वर्ष 15 अक्तूबर दिन रविवार से नवरात्र प्रारंभ हो रहा है. कलश स्थापना का शुभ-मुहूर्त (अभिजीत मुहूर्त) दोपहर 11 बजकर 38 मिनट से 12 बजकर 23 मिनट तक है. इस अवधि में पूजा के आसन पर बैठ जाएं और कोशिश यही करें कि दीपक प्रज्वलित हो जाये. उसके बाद पूजा देर तक भी की जा सकती है. वहीं मां का आगमन इस वर्ष मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आयेंगी, जो बेहद शुभ संकेत है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें