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Shattila Ekadashi 2022: आज है षटतिला एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत कथा

Shattila Ekadashi 2022: षटतिला एकादशी 28 जनवरी (शुक्रवार) आज है. इस एकादशी पर तिल का विशेष महत्व होता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने व तिल के पानी से स्नान व दान आदि का विशेष महत्व माना गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 28, 2022 11:54 AM

Shattila Ekadashi 2022: षटतिला एकादशी आज शुक्रवार को है. इस एकादशी पर तिल का बहुत महत्व माना गया है. इस दिन भगवान श्री विष्णु का पूजन करने और तिल के पानी में नहाने, तिलों का दान व तिल से हवन और तर्पण आदि करने का विशेष महत्व है. ज्योतिष के अनुसार इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा और मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. आइये जानते हैं षटतिला एकादशी के मंत्र, पूजा विधि, व्रत कथा के बारे में…

Shattila Ekadashi 2022: षटतिला एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार षटतिला एकादशी तिथि 27 जनवरी को रात 02 बजकर 16 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 28 जनवरी की रात 11 बजकर 35 मिनट पर समाप्त होगी. एकादशी व्रत 28 जनवरी को रखा जाएगा.

Shattila Ekadashi 2022: षटतिला एकादशी व्रत का पारण का समय (shattila ekadashi 2022 parana time)

एकादशी व्रत पारण का शुभ समय पंचांग के अनुसार 29 जनवरी 2022, शनिवार को सुबह 07 बजकर 11 मिनट से सुबह 09 बजकर 20 मिनट तक है.

Shattila Ekadashi 2022: षटतिला एकादशी का महत्व

षटतिला एकादशी के दिन तिल के प्रयोग का खास महत्व होता है। कहते हैं कि इस दिन तिल का 6 तरह स्नान, उबटन, तर्पण, दान, सेवन और आहुति से पापों का नाश होता है।

Shattila Ekadashi 2022: षटतिला एकादशी व्रत पूजा विधि

1. इस दिन व्रती को सुबह जल्दी उठना चाहिए और स्नान करना चाहिए।

2. इसके बाद पूजा स्थल को साफ करना चाहिए। अब भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण की मूर्ति, प्रतिमा या उनके चित्र को स्थापित करना चाहिए।

3. भक्तों को विधि-विधान से पूजा अर्चना करनी चाहिए।

4. पूजा के दौरान भगवान कृष्ण के भजन और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए।

5. प्रसाद, तुलसी जल, फल, नारियल, अगरबत्ती और फूल देवताओं को अर्पित करने चाहिए।

6. अगली सुबह यानि द्वादशी पर पूजा के बाद भोजन का सेवन करने के बाद षट्तिला एकादशी व्रत का पारण करना चाहिए।

इन मंत्रों का करें जाप

1- ॐ नारायणाय नम:

2- ॐ विष्णवे नम:

3- ॐ हूं विष्णवे नम:

4- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:

5- ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्

षटतिला एकादशी पूजा विधि (Shattila Ekadashi Puja vidhi)

1- प्रात:काल स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें पुष्प, धूप आदि अर्पित करें.

2- इस दिन व्रत रखने के बाद रात को भगवान विष्णु की आराधना करें, साथ ही रात्रि में जागरण और हवन करें.

3- इसके बाद द्वादशी के दिन प्रात:काल उठकर स्नान के बाद भगवान विष्णु को भोग लगाएं और पंडितों को भोजन कराने के बाद स्वयं अन्न ग्रहण करें.

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