माघ मास की पहली एकादशी व्रत कब रखा जाएगा? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Shattila Ekadashi 2024: माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है. एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है. आइए जानते है शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन का महत्व

By Radheshyam Kushwaha | February 2, 2024 10:34 AM

Shattila Ekadashi 2024: माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी का व्रत रखा जाता है. षटतिला एकादशी व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है. षटतिला एकादशी व्रत 6 फरवरी दिन मंगलवार को रखा जाएगा, इस व्रत में तिल से स्नान, तिल का उबटन लगाना, तिल से हवन, तिल से तर्पण, तिलों का दान और तिलों से बनी चीजों का सेवन करना अत्यंत शुभ माना गया है. धार्मिक मान्यता है कि षटतिला एकादशी के दिन तिल का दान करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है. जानते हैं कि षटतिला एकादशी की पूजा का मुहूर्त और पारण का समय…

षटतिला एकादशी शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है. एकादशी तिथि की शुरुआत 5 जनवरी को शाम 5 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी. एकादशी तिथि का समापन 6 जनवरी को शाम 4 बजकर 7 मिनट पर होगा. उदया तिथि को देखते हुए षटतिला एकादशी का व्रत 06 फरवरी को रखा जाएगा. 07 फरवरी को सुबह 7 बजकर 6 मिनट से लेकर 9 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त 06 फरवरी की सुबह 09 बजकर 51 मिनट से दोपहर 01 बजकर 57 मिनट तक है. वहीं एकादशी व्रत पारण का समय 7 फरवरी 2024 की सुबह 07 बजकर 06 मिनट से सुबह 09 बजकर 18 मिनट तक है.

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षटतिला एकादशी पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं.

  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.

  • भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें.

  • भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें.

  • अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें.

  • फिर गंध, फूल, धूप दीप, पान सहित विष्णु भगवान की षोडशोपचार से पूजन करें.

  • रात को तिल से 108 बार ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय स्वाहा’ इस मंत्र से हवन करें.

  • उड़द और तिल मिश्रित खिचड़ी बनाकर भगवान को भोग लगाएं.

  • भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें.

  • भगवान की आरती करें.

षटतिला व्रत का महत्व

षटतिला एकादशी व्रत का विशेष महत्व है, इस व्रत के प्रभाव से घर में सुख-शांति का वास होता है. इस दिन तिल का विभिन्न तरह से इस्तेमाल करके हर कष्ट से छुटकारा पाया जा सकता है. संतान की उन्नति के लिये, पापों के नाश के लिए व जीवन में भक्ति मार्ग पर चलने के लिए यह व्रत बहुत महत्वपूर्ण है, इस व्रत को करने से जातक पर श्री हरि विष्णु की कृपा बनी रहती है.

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