Sheetala Saptami 2023: शीतला सप्तमी हिन्दू धर्म का एकलौता ऐसा व्रत है, जिसमें बासी भोजन किया जाता है. होली के त्यौहार के सातवें और आठवें दिन शीतला माता की पूजा की जाती है. मान्यता है कि माता शीतला के इस व्रत-उपवास से रोग और चेचक, फोड़े, फुंसियों, ज्वर इत्यादि रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है. आज हम आपको मुख्य रूप से शीतला सप्तमी के दिन व्रत रखने के महत्व और इसके लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं. आइये जानते हैं इस दिन व्रत रखकर आपको क्या लाभ मिल सकते हैं.
सप्तमी तिथि की शुरूआत 13 मार्च की रात 9 बजकर 27 मिनट से हो जाएगी और समाप्ति 14 मार्च रात 9 बजकर 27 मिनट पर होगी. फाल्गुन मास में 14 मार्च के दिन शीतला सप्तमी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 33 मिनट से शुरू होकर शाम 6 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. अगले दिन यानी 15 मार्च के दिन शीतला अष्टमी मनाई जाएगी.
शीतला सप्तमी के दिन शीतला माता को खास मीठे चावलों का भोग चढ़ाया जाता है. ये मीठे चावल गुड़ या गन्ने के रस को चावल में मिलाकर बनाए जाते हैं. शीतला सप्तमी से एक रात पहले ही इन्हें घर में बनाकर रख लिया जाता है और पूजा के बाद इसे ही घर में सभी सदस्यों को खिलाया जाता है. इसके अलावा इस दिन से जुड़ी एक ख़ास मान्यता यह भी है कि इस दिन घर में सुबह के समय कुछ और नहीं बनाया जाता है. जो लोग इस दिन व्रत रहते हैं वो इसी मीठे चावल को खाकर ही रहते हैं.
जैसा कि हिन्दू धर्म में सभी त्योहारों और व्रत-उपवासों का अपना महत्व बताया गया है वैसा ही शीतला सप्तमी का महत्व बताते हुए कहा गया है कि इस व्रत को रखने से संतानों की सेहत हमेशा अच्छी बनी रहती है. इसके अलावा व्रत के प्रभाव से उन्हें किसी भी तरह का कोई बुखार, आँखों से जुड़ी कोई भी समस्या, ठंडों में होने वाली कोई भी परेशानी नहीं होती है.
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शीतला सप्तमी के दिन व्रत रखने से परिवार में सभी सदस्यों से चेचक, बुखार, फोड़े-फुंसी और आँखों से जुड़ी बीमारियों से मुक्ति मिलती है. विशेष रूप से लोग विभिन्न रोगों से मुक्ति पाने के लिए आज के दिन व्रत रखते हैं. बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए माँ आज के दिन शीतला माता व्रत जरूर रखती हैं. इसके साथ ही शादी शुदा महिलाएं भी आज के व्रत रखकर शीतला माता से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त कर सकती हैं.