Sheetala Ashtami Katha, Puja Vidhi, Muhurat And Aarti: शीतला अष्टमी की पूजा 4 अप्रैल को मनायी जाएगी. इस दिन व्रत रखकर शीतला माता की पूजा की जाती है. शीतला अष्टमी की पूजा 4 अप्रैल की सुबह 6 बजकर 8 मिनट से शाम 6 बजकर 41 मिनट तक की जाएगी. शीतला अष्टमी के दिन शीतला माता पूजा के दौरान आरती जरूर करना चाहिए. मान्यता है कि पूजा के बाद बिना आरती किए पूजा अधूरी मानी जाती है.
शीतला अष्टमी की पूजा 4 अप्रैल की सुबह 06 बजकर 08 मिनट से शाम 06 बजकर 41 मिनट तक की जाएगी. इस दिन सुबह जल्दी उठकर ठंडे पानी से स्नान करें. इसके बाद नारंगी रंग के वस्त्र पहनें. फिर पूजा की थाली में दही, पुआ, रोटी, बाजरा, नमक पारे, मठरी और सप्तमी को बने मीठे चावल रखें. वहीं, दूसरी थाली में आटे का दीपक, रोली, होली वाली बड़कुले की माला, वस्त्र, अक्षत, मोली, सिक्के और मेहंदी रखें. इसी के साथ में ठंडे पानी का लोटा भी रखें. घर के मंदिर में शीतला माता की पूजा करें. फिर सभी चीजों का भोग लगाएं.
जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता
आदि ज्योति महारानी सब फल की दाता। जय शीतला माता…
रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भ्राता
ऋद्धि-सिद्धि चंवर ढुलावें, जगमग छवि छाता। जय शीतला माता…
विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता
वेद पुराण बरणत पार नहीं पाता । जय शीतला माता…
इन्द्र मृदंग बजावत चन्द्र वीणा हाथा
सूरज ताल बजाते नारद मुनि गाता। जय शीतला माता…
घंटा शंख शहनाई बाजै मन भाता
करै भक्त जन आरति लखि लखि हरहाता। जय शीतला माता…
ब्रह्म रूप वरदानी तुही तीन काल ज्ञाता
भक्तन को सुख देनौ मातु पिता भ्राता। जय शीतला माता…
जो भी ध्यान लगावें प्रेम भक्ति लाता
सकल मनोरथ पावे भवनिधि तर जाता। जय शीतला माता…
रोगन से जो पीड़ित कोई शरण तेरी आता
कोढ़ी पावे निर्मल काया अन्ध नेत्र पाता। जय शीतला माता…
बांझ पुत्र को पावे दारिद कट जाता
ताको भजै जो नाहीं सिर धुनि पछिताता। जय शीतला माता…
शीतल करती जननी तू ही है जग त्राता
उत्पत्ति व्याधि विनाशत तू सब की घाता। जय शीतला माता…
दास विचित्र कर जोड़े सुन मेरी माता
भक्ति आपनी दीजे और न कुछ भाता। जय शीतला माता…
Posted by: Radheshyam Kushwaha