Shiv Aarti: हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है. शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव जितने भोले हैं, उतने ही गुस्से वाले भी हैं. हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं के लिए विशेष दिन में पूजा करने का विधान है. सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. कहा जाता है कि हर सोमवार को भगवान शिव की पूजा के बाद ‘जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा…’ आरती पढ़ते है तो आपकी सभी प्रकार समस्याओं से छूटकारा मिलेगा. आप अगर भगवान शिव की पूजा के बाद आरती पढ़ना चाहते है तो यहां से पढ़ सकते है.
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥
जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा…॥
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सुबह स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें.
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मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक करें.
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इसके बाद दीप प्रज्वलित करें.
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सभी देवी-देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें.
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शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं.
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भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें.
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भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें.
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भगवान शिव को अक्षत, गंध, पुष्प, धूप, दीप, दूध, पंचामृत, बेलपत्र, भांग, धतूरा इत्यादि जरूर अर्पित करें.
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पंचामृत से अभिषेक करते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का निरंतर जाप करते रहें.
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भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं.
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इस दिन भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें.