Shiv Aarti lyrics: प्रदोष व्रत पूजा के बाद जरूर करें ये आरती, इसके बिना पूजा रह जाती है अधूरी

Shiv Aarti lyrics: बुध प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय प्रदोष काल में की जाती है. प्रदोष व्रत में शिव पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 12 मिनट से रात 08 बजकर 36 मिनट तक है. इस मुहूर्त में विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए.

By Radheshyam Kushwaha | September 27, 2023 5:12 PM

Shiv Aarti lyrics: आज रवि योग में बुध प्रदोष व्रत है. शिव भक्त प्रदोष काल में पूजा करेंगे. आज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि, धनिष्ठा नक्षत्र, ध्रुति योग, करण कौलव, बुधवार दिन और दिशाशूल उत्तर है. बुध प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय प्रदोष काल में की जाती है. प्रदोष व्रत में शिव पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 12 मिनट से रात 08 बजकर 36 मिनट तक है. इस मुहूर्त में विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. बुध प्रदोष व्रत रखने और शिव पूजा करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. यदि आपकी कुंडली में बुध दोष है या बुध ग्रह कमजोर है तो आपको गणेश जी की पूजा करनी चाहिए और उनको मूंग के लड्डू का भोग लगाना चाहिए. प्रदोष पूजा के बाद भगवान शिव की आरती करने का विधान है. इस आरती के बिना पूजा अधूरी रह जाती है.

भगवान शिव की आरती

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।

त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।

चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥

कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।

जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।

प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।

नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥

त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावे ।

कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥

जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा…॥

Also Read: Shiv Chalisa: शिव चालीसा पढ़ने के हैं अनगिनत फायदे, महादेव की कृपा से हर बाधा होगी दूर, जानें नियम और महत्व
Also Read: Budh Pradosh Vrat 2023: आज है बुध प्रदोष व्रत, जानें पूजा विधि-शुभ मुहूर्त, मंत्र और प्रदोष व्रत का महत्व

Next Article

Exit mobile version