आपातकाल में 80 दिन तक जेल में बंद रहे लातेहार वैद्य शिवनारायण पाठक से काफी प्रभावित थे अटल बिहारी वाजपेयी
shivnarayan pathak of latehar was arrested and spent 80 days in jail during emergency imposed in india लातेहार : आपातकाल के दौरान 80 दिन तक जेल में बंद रहे लातेहार के वैद्य शिवनारायण पाठक से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी काफी प्रभावित थे. देश में जिस वक्त आपातकाल (इमरजेंसी) लगा था, उस वक्त लातेहार अनुमंडल हुआ करता था. श्री पाठक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तहसील (अनुमंडल) कार्यवाह के रूप में अपनी सेवा दे रहे थे. पूरे क्षेत्र में संगठन की जिम्मेवारी उनके कंधों पर थी और वे मुखर होकर इमरजेंसी का विरोध कर रहे थे.
लातेहार (आशीष टैगोर) : आपातकाल के दौरान 80 दिन तक जेल में बंद रहे लातेहार के वैद्य शिवनारायण पाठक से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी काफी प्रभावित थे. देश में जिस वक्त आपातकाल (इमरजेंसी) लगा था, उस वक्त लातेहार अनुमंडल हुआ करता था. श्री पाठक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तहसील (अनुमंडल) कार्यवाह के रूप में अपनी सेवा दे रहे थे. पूरे क्षेत्र में संगठन की जिम्मेवारी उनके कंधों पर थी और वे मुखर होकर इमरजेंसी का विरोध कर रहे थे.
उस समय आरएसएस के सभी नेता भूमिगत हो गये थे. ऐसे समय में वैद्य शिवनारायण पाठक ने आंदोलन का झंडा बुलंद कर रखा था. संघ के पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने पूरे जोश से काम किया. अपना घर-परिवार तक छोड़ दिया था. आज 80 वर्ष के हो चुके श्री पाठक उन दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि गुप्त स्थानों पर संगठन की बैठकें होती थीं. इन बैठकों में श्री पाठक लोगों को इमरजेंसी के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए प्रेरित करते थे.
उन्होंने बताया कि प्रशासन को जब लगने लगा कि वे अधिक मुखर होते जा रहे हैं, तब उच्च अधिकारियों ने लातेहार थाना की पुलिस को आदेश दिया कि उन्हें (वैद्य शिवनारायण पाठक) गिरफ्तार कर लिया जाये. पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने के लिए अभियान चलाया. श्री पाठक ने पुलिस से बचने की काफी कोशिश की, लेकिन अंत में लातेहार के पोचरा ग्राम से गिरफ्तार कर लिये गये. उन्हें 80 दिन तक जेल में रहना पड़ा.
जेल से रिहा होने के बाद श्री पाठक वनवासी कल्याण केंद्र, गारू (लातेहार) में बतौर अवैतनिक चिकित्सक अपनी सेवा देने लगे. अपनी कार्यशैली के कारण वह क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थे. राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान होने लगी थी. इसी दौरान वर्ष 1980 में संगठन के नेता के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी (पूर्व प्रधानमंत्री) पलामू दौरे के क्रम में वनवासी कल्याण केंद्र, गारू पहुंचे थे.
श्री पाठक की कार्यशैली से अटल बिहारी वाजपेयी काफी प्रभावित हुए. श्री वाजपेयी ने रात्रि विश्राम इसी वनवासी कल्याण केंद्र में किया था. इसके बाद उन्होंने बेतला नेशनल पार्क में हाथी की सवारी भी की. इसी यात्रा के दौरान अटल बिहारी ने कोयल नदी के संगम किनारे सांगठनिक बैठक की थी.
ज्ञात हो कि 25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सलाह पर तत्कालीन राष्ट्रपति ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी. इमरजेंसी के दौरान कांग्रेस विरोधी तमाम पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया गया था. इस दौरान ही लातेहार के वैद्य शिवनारायण पाठक को भी गिरफ्तार कर लिया गया था.
Posted By : Mithilesh Jha