UP Chunav 2022: अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव सपा गठबंधन को नहीं छोड़ेंगे. वह समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर ही जसवंत नगर से मैदान में उतरेंगे. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने बीते कई दिनों से सपा से संबंध तोड़ने की अफवाहों पर गुरुवार को विराम लगाते हुए यह बातें कही.
शिवपाल सिंह यादव ने गुरुवार को जसवंत नगर में पत्रकार वार्ता में दावा किया कि उत्तर प्रदेश में भतीजे अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी गठबंधन की सरकार प्रचंड बहुमत के साथ आएगी. यूपी की 403 विधानसभा सीटों पर सपा-प्रसपा गठबंधन के उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इनमें से अधिकतर पर बड़े अंतर से जीत हासिल होगी.
उन्होंने कहा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में गठबंधन के पक्ष में बहुत अच्छे नतीजे आने जा रहे हैं. सपा-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार वहां में भारी बहुमत से जीतेंगे. पूरे उत्तर प्रदेश में गठबंधन के पक्ष में जोरदार हवा है. शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि वह 28 जनवरी को इटावा कचहरी में अपना नामांकन करेंगे. वह साइकिल निशान पर चुनाव लड़ेंगे.
शिवपाल सिंह यादव ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि जब पश्चिम बंगाल का चुनाव हुआ था, तभी इस बात की घोषणा कर देनी चाहिए थी कि अगर कोरोना काल की स्थिति में चुनाव होगा तो वर्चुअल प्रचार-प्रसार होगा. इससे पार्टियां पहले से वर्चुअल प्रचार की तैयारियां कर लेतीं.
उन्होंने कहा कि वर्चुअल रैली से परेशानी तो है. ऐसे मे हम तो मीडिया के माध्यम से कहेंगे कि जितने भी हमारे युवा है, यह सभी अपने मोबाइल फोन से जनता तक हमारी बात पहुंचाने का काम करें. क्योंकि सोशल मीडिया बहुत बड़ी ताकत है. हर हाथ में मोबाइल फोन है और वह प्रचार का सबसे सशक्त माध्यम है.
जसवंतनगर से छठवीं बार चुनाव लड़ने के लिए मैदान पर उतरे शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता केवल झूठ बोलते हैं. बीजेपी ने जनता से किये वादे पूरे नहीं किये. उनका सिर्फ एक काम है कि चुनाव आते ही मंदिर-मस्जिद के नाम पर धार्मिक भावनाओं को भड़का कर जनता को गुमराह किया जाए. उन्होंने किसानों, बेगुनाहों, दलितों की हत्या का जवाब देना होगा.
प्रसपा प्रमुख ने कहा कि जनता महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से परेशान है. जनता ने मन बना लिया है कि भाजपा को हटाकर अखिलेश यादव के नेतृत्व में जो गठबंधन बना है उसी को जिताएंगे. उन्होंने कहा कि भतीजे प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव के बीजेपी में शामिल होने का क्षेत्र के मतदाताओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.