West Singhbhum News: हिंदूवादी युवा नेता कमलदेव गिरि की शनिवार शाम हत्या के बाद से चक्रधरपुर शहर का रफ्तार थम गया था. दुकानें प्रतिष्ठान सभी बंद हो गया था. चारों और विरोध प्रदर्शन हो रहा था लेकिन बुधवार को पहले की तरह चक्रधरपुर शहर सामान्य हो गया है. बुधवार को दुकानें खुली तो लोगों की चहल-पहल शुरू हो गई है. हालांकि पूरा शहर अभी भी पुलिस के हवाले में है. चारों तरफ दंडाधिकारी समेत पुलिस के जवान तैनात हैं. शहर के 17 संवेदनशील जगहों पर 24 घंटे दंडाधिकारी, रैफ, जैप और झारखंड पुलिस के जवान तैनात हैं.
शहर में पहले की तरह यात्री वाहनों का भी आगमन शुरू हो गया है. बुधवार को लंबी दूरी के यात्री और मालवाहक वाहन भी चले. शहर में निगरानी करने के लिए पोड़ैयाहाट एसडीओ रीना हासदा, एसडीपीओ कपिल चौधरी, चाईबासा मुख्यालय डीएसपी दिलीप खलखो, अंचल निस्पेक्टर प्रवीन कुमार समेत जिले के कई थाना प्रभारी चक्रधरपुर में तैनात होकर विधि व्यवस्था संभाले रखा है.
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इधर कमल देव गिरि की हत्या के बाद से चक्रधरपुर में उत्पन्न हुई विवाद के बाद पोड़ैयाहाट एसडीओ ने रेल नगरी चक्रधरपुर में धारा 144 अनिश्चितकालीन के लिए लगा दिया था जो अब भी जारी है. कहीं भी 4 लोगों से अधिक खड़ा होने पर पुलिस उसे भगा रही है. चक्रधरपुर शहर में लगातार पेट्रोलिंग की जा रही है. कमलदेव गिरि की हत्या के चौथे दिन भी पुलिस खाली हाथ है. अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. हत्या के विरोध में जनाक्रोश के कारण मंगलवार को भी चक्रधरपुर लगभग बंद रहा. पुलिस की शिथिल कार्रवाई से लोगों में भारी आक्रोश है.
मंगलवार को केंद्रीय रेल राज्य मंत्री राव साहेब पाटिल दानवे कमलदेव गिरि के आवास पर पहुंचे. दिवंगत कमलदेव की मां ने रोते हुए कहा, साजिश के तहत मेरे बेटे की हत्या करायी गयी है. यह कहते हुए वह बेहोश हो गयीं. वहीं बहन पूजा गिरि ने मंत्री से कहा कि सीबीआइ जांच कराकर इंसाफ दिलाएं. मेरे भाई कमल को जान से मारने की धमकी मिली थी. भाई ने चक्रधरपुर थाना में शिकायत की थी. पुलिस ने कार्रवाई नहीं की. इस बीच मेरे भाई की हत्या कर दी गयी. रेल राज्य मंत्री ने सांत्वना देते हुए कहा कि मामले की गंभीरता से जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी. कमल के पिता महादेव नंद गिरि और बड़े भाई फूलनदेव गिरि ने न्याय की गुहार लगायी है.
कमलदेव गिरी की हत्या को निंदनीय बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भर्त्सना की है. उन्होंने इसे हेमंत सरकार की विफलता बताया. निरंतर बहुसंख्यक हिंदू और आदिवासियों पर अत्याचार और दमन हो रहे हैं. इस सरकार में हिंदुवादी नेता लगातार निशाने पर हैं. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास चक्रधरपुर के लिए प्रस्थान करेंगे. वे कमलदेव के परिजनों से मिलकर शोक व्यक्त करेंगे. घटना से संबंधित जानकारी लेंगे.
गिरिराज सेना प्रमुख कमलदेव गिरी की हत्या में शामिल अपराधियों को जिले के बाहर से बुलाया गया था. एसपी आशुतोष शेखर ने बताया कि कमल देव की हत्या योजनाबद्ध तरीके से की गयी. घटना में स्थानीय लिंक की पहचान न हो, इसलिए जिले के बाहर से अपराधियों को बुलाया गया था. पुलिस को अपराधियों का सुराग मिल चुका है. बहुत जल्द मामले का खुलासा होने की संभावना है. लोकल लिंक की मदद से बाहर से आये अपराधियों ने कमलदेव की निर्मम हत्या कर आराम से फरार हो गए. पुलिस को अबतक की जांच में प्रमाण मिल चुका है कि स्थानीय कुछ लोगों ने कमल की हत्या के लिए अपराधियों को बाहर से बुलाया था.
जानकारी के अनुसार, अपराधियों ने लगभग एक सप्ताह तक कमल की हर गतिविधि पर नजर रखी. कमल अपनी सुरक्षा के प्रति सजग नहीं थे, इस कारण अपराधियों को सहूलियत हुई. वह आराम से कम समय में टारगेट को अंजाम देकर फरार हो गये. लोकल लिंक में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार करने में पुलिस जुटी हुई है.
पुलिस की कई टीमें लगातार संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. अपराधियों को ठहराने व उनकी आवभगत की जिम्मेदारी लोकल लिंक ने संभाली. जिस स्टाइल से चंद मिनटों में घटना को अंजाम दिया गया, उसे देखते हुए प्रोफेशनल अपराधियों का हाथ होने से इनकार भी नहीं किया जा सकता है.
रिपोर्ट : रवि कुमार, चक्रधरपुर