Jharkhand news: हजारीबाग के शहरी और प्रखंड क्षेत्र में सरकारी शिक्षक की काफी कमी है. इसका असर शिक्षा की गुणवत्ता पर भी पड़ रहा है. जिले के सदर प्रखंड में 5222 विद्यार्थियों में मात्र 80 शिक्षक ही है. वहीं, नगर निगम क्षेत्र में 1629 स्टूडेंट्स पर मात्र 43 शिक्षक ही हैं. एक तो काेरोना और दूसरी शिक्षकों की काफी कमी से क्षेत्र में शिक्षा काफी प्रभावित हो रहे हैं.
हजारीबाग जिले के सदर प्रखंड के 7 मिडिल, 11 उत्क्रमित मिडिल एवं 14 प्राथमिक विद्यालयों में 133 की जगह मात्र 80 शिक्षक कार्यरत हैं. एक ओर शिक्षकों की घोर कमी है. वहीं दूसरी ओर, लगभग स्कूलों में विषयवार शिक्षक-शिक्षिकाएं नहीं होने से 5222 अध्ययनरत विद्यार्थियों की गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई पर आफत है. सदर प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय में 698, उत्क्रमित मिडल में 1518 एवं मिडिल स्कूल में 3006 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. इसके अलावा 24 नव प्राथमिक स्कूल (New Primary School- NPS) स्कूल में 1134 विद्यार्थियों को पारा शिक्षक (अब सहायक अध्यापक कहलायेंगे) पढ़ाने में जुटे हैं.
सदर प्रखंड के मध्य विद्यालय चंदवार में 7 पद की जगह मात्र 4 शिक्षक कार्यरत है. इसी तरह जगदीशपुर में 4 की जगह 3, कसियाडीह में 9 की जगह 5, मेरू में 10 की जगह 2, नगवां में 4 की जगह 3, ओरिया में 9 की जगह 7, सिलवार खुर्द में 5 की जगह 3 शिक्षक ही कार्यरत हैं. इसके अलावा प्राथमिक विद्यालय अंबाडीह, बहारनपुर, बहेरी, गुरहेत, केसुरा, रेवर, शिवपुरी में दो-दो की जगह एक-एक शिक्षक कार्यरत हैं. वहीं, बड़ासी में तीन की जगह दो शिक्षक और मुकुंदगंज एवं शेखा में स्वीकृत पद अनुसार दो-दो शिक्षक कार्यरत हैं. उत्क्रमित मिडिल स्कूल, बभनभई में 10 की जगह 4 शिक्षक कार्यरत हैं. हुपाद में 3 की जगह 3, सरोनी में 8 की जगह 5, सिंदूर में 8 की जगह 5, अमनारी और बानाहप्पा में 2-2 की जगह एक-एक, भेलवारा में 4 की जगह 4, चुरचू में 3 की जगह एक, डंड़ई में 3 की जगह एक, डूमर में 2 की जगह 2, हरहद में 5 की जगज 3, मोरांगी में 5 की जगह 5, रोला में 5 की जगह एक तथा सिलवारकलां उत्क्रमित मिडिल स्कूल में 4 पद की जगह 3 शिक्षक कार्यरत है.
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सरकार की ओर से निर्धारित है कि एक स्कूल में 30 विद्यार्थी पर एक शिक्षक होगा. सदर प्रखंड में ऐसा नहीं है. एक तो लंबे समय से विषयवार शिक्षक का अभाव है. वहीं, अधिकांश स्कूलों में 50 से अधिक विद्यार्थी पर एक शिक्षक हैं. कोरोना के बाद कई क्लास बंद है. विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा मिल रही है. ऐसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अंदाजा लगाया जा सकता है.
इस संबंध हजारीबाग सदर के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी सबिता कुमारी ने कहा कि स्कूलों में शिक्षक-शिक्षिकाएं की कमी की जानकारी विभाग एवं सरकार को प्रतिमाह भेजी जा रही है. दूसरी ओर, विद्यार्थियों का विषयवार पढ़ाई बाधित नहीं हो इसके लिए सभी नामांकित विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की व्यवस्था की गई है.
वहीं दूसरी ओर, नगर निगम क्षेत्र में 10 मिडिल एवं 12 प्राथमिक विद्यालय है. इसमें अधिकांश स्कूलों में शिक्षकों की कमी है. विषयवार शिक्षक नहीं होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई पर आफत है. शिक्षक नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को विषयवार शिक्षा नहीं मिल रही है. नगर क्षेत्र में चार नव प्राथमिक विद्यालय (एनपीएस) है. एनपीएस में 235, प्राथमिक 933 एवं मिडिल स्कूल में 461 मिलाकर अध्ययनरत विद्यार्थियों की कुल संख्या 1629 है. प्राथमिक में 14 एवं मिडिल स्कूल में 29 शिक्षक यानी कुल मिलाकर 43 शिक्षक-शिक्षिकाएं ही कार्यरत हैं. इनके वेतन पर प्रतिमाह 25 लाख से अधिक राशि खर्च किया जा रहा है.
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12 प्राथमिक विद्यालयों में स्वीकृत शिक्षकों की संख्या 29 है. इसमें आधा से भी कम मात्र 14 शिक्षक-शिक्षिकाएं कार्यरत हैं. इसमें प्रावि दीपूगड़ा, गाड़ीखाना, हुड़हुडू, लोहसिंघना उर्दू, मटवारी, मेहतरटोली, ओकनी, पारनाला, खिरगांव एवं लाखे उर्दू में स्वीकृत पद दो-दो के जगह एक-एक शिक्षक कार्यरत हैं. वहीं, क्रौंच कन्या में 3 की जगह 2 एवं लाखे हिंदी में 2 में 2 शिक्षक कार्यरत हैं. बात 9 मिडिल स्कूल की करें, तो कुल 50 पद में 29 शिक्षक कार्यरत हैं. केबी मवि एवं को छोड़कर शेष 9 विद्यालयों में विषयवार शिक्षक नहीं हैं. इसमें मध्य विद्यालय बिहारी गर्ल्स में 5 की जगह 4, मध्य विद्यालय बड़म बाजार में 5 की जगह 2, मध्य विद्यालय कोर्रा बालक में 5 की जगह 4, मध्य विद्यालय कुम्हारटोली बालिका में 4 की जगह 3, मध्य विद्यालय मंड़ई उर्दू में 8 की जगह 5, मध्य विद्यालय मटवारी उर्दू में 5 की जगह एक, मध्य विद्यालय नवाबगंज कन्या में 5 की जगह 2, मध्य विद्यालय नूरा में 5 की जगह 3 और उत्क्रमित मध्य विद्यालय कोलघटी में 3 की जगह 2 शिक्षक ही कार्यरत हैं.
शहर से सटे वार्ड नंबर- एक मंडईकलां राजकीयकृत उर्दू मध्य विद्यालय में करीब 7 साल से विज्ञान एवं गणित की शिक्षिका के नहीं रहने से सैकड़ों विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित है. दरअसल, विज्ञान एवं गणित की शिक्षिका हरीम कुदसी को किसी कारणवश 18 अगस्त, 2016 को झील रोड़ स्थित त्रिमूर्ति समिप सरकारी बीएड कॉलेज में कुछ दिनों के लिए प्रतिनियोजित किया गया था. बाद में शिक्षिका ने प्रतिनियुक्ति को स्थाई करा लिया है. शिक्षिका को प्रतिमाह वेतन स्कूल से मिल रहा है. कई अभिभावकों ने शिक्षिका के रहते विद्यार्थियों की विषयवार पढ़ाई नहीं होने की शिकायत डीसी से की है.
18 मार्च, 2020 में कोरोना वायरस संक्रमण के बाद एक से पांचवीं की कक्षा बंद है. शिक्षा विभाग की ओर से विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा मिल रही है. इसमें कई गरीब विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकों के पास एंड्राइड मोबाइल फोन नहीं रहने से विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा से वंचित हैं. इन्हें देखने वाला कोई नहीं है. इनका भविष्य अंधकारमय हो गया है.
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हजारीबाग के नगरपालिका अवर विद्यालय निरीक्षक नंदकिशोर शर्मा ने कहा कि स्कूलों में शिक्षक एवं शिक्षकेतरकर्मी की कमी को लेकर विभाग को प्रतिमाह रिपोर्ट भेजी जा रही है. जुगाड़ माध्यम से विद्यार्थियों को विषयवार शिक्षा दी जा रही है. वहीं, प्रभारी डीईओ एवं डीएसइ पुष्पा कुजूर ने कहा कि स्कूलों में विषयवार शिक्षकों की कमी से विभाग एवं सरकार अवगत है. विद्यार्थियों को विषयवार शिक्षा मिले, इसका प्रयास किया गया है.
रिपोर्ट : आरिफ, हजारीबाग.