Shravan Hariyali Amavasya 2022: आज है श्रावण मास की अमावस्या, पितृ शांति के लिए करें ये उपाय

Shravan Hariyali Amavasya 2022: आज 28 जुलाई 2022, गुरुवार को श्रावण अमावस्या मनाई जा रही है. इस दिन दान पुण्य करने से पित्रदोष से मुक्ति मिलती है.श्रावण अमावस्या के दिन माता पार्वती के साथ-साथ भोलेनाथ की भी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2022 10:10 AM

Shravan Hariyali Amavasya 2022: श्रावण मास की अमावस्या आज यानी 28 जुलाई 2022, गुरुवार को आ रही है.यह हरियाली अमावस्या या श्रावणी अमावस्या के नाम से विख्यात है. ऐसा कहा जाता है, कि इस दिन दान पुण्य करने से पित्रदोष से मुक्ति मिलती है.श्रावण अमावस्या (Shravan Amavsya 2022 Date in India) के दिन माता पार्वती के साथ-साथ भोलेनाथ की भी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.

Sawan ki Hariyali Amavasya Kab Hai 2022

सावन अमावस्या तिथि प्रारंभ- 27 जुलाई, बुधवार, समय 10:41 से शुरू
सावन अमावस्या तिथि समाप्ति- 28 जुलाई, गुरुवार, समय रात 12:54 तक
गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्धि योग- सुबह 7:05 से शुरू
पुष्प योग और अमृत योग समापन- 29 शुक्रवार, सुबह 05 बजकर 41 मिनट तक
सिद्ध योग प्रारंभ- समय शाम 5:57 से 6:36 तक

Shravan Hariyali Amavasya 2022: हरियाली अमावस्या पर पितृ शांति के उपाय

  • अमावस्या पर दान करने का महत्व है. ऐसे में हरियाली यानी कि सावन की अमावस्या पर

  • पितरों की शांति के लिए गरीबों को कपड़े और अन्न का दान करना चाहिए.

  • हरियाली अमावस्या पर वृक्षारोपण करने से पितर बहुत खुश होते हैं. इस दिन पीपल, बड़,

    आंवले, नीम का पौधा लगाएं और उसकी देखभाल का संकल्प लें.

  • पितरों की शांति से घर में खुशहाली आती है ऐसे में हरियाली अमावस्या के दिन आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाएं. साथ ही नदी में काले तिल प्रवाहित करें.

  • पितरों का ध्यान कर पीपल के पेड़ में जल में काले तिल, चीनी, चावल और फूल डालकर अर्पित करें और ऊं पितृभ्य: नम: मंत्र का जाप करें. ये उपाय शुभ फल प्रदान करता है.

Shravan Hariyali Amavasya 2022: श्रावण अमावस्या का महत्व

धार्मिक और प्राकृतिक महत्व की वजह से श्रावण अमावस्या बहुत लोकप्रिय है.दरअसल इस दिन वृक्षों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करने के लिए इसे हरियाली अमावस्या के तौर पर जाना जाता है.वहीं धार्मिक दृष्टिकोण से इस दिन पितरों का पिंडदान और अन्य दान-पुण्य संबंधी कार्य किये जाते हैं.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पीपल के पेड़ में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना जाता है.इस दिन पौधे लगाने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

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