श्रावणी मेला 2022: कृष्णा बम को जानें, अब हर सोमवारी कांवरिया पथ पर नहीं दिखेंगी, जानें कब करेंगी जलार्पण
श्रावणी मेला 2022 की शुरुआत हो चुकी है. श्रद्धालुओं की नजरें कृष्णा बम पर रहती हैं जो हर सावन सुल्तानगंज से जल भरकर प्रत्येक सोमवारी को बाबाधाम देवघर जाती हैं. इस साल कृष्णा बम के प्रोग्राम में बदलाव हुआ है.
श्रावणी मेला 2022 (Shravani Mela) का शुभारंभ हो गया है. दो साल के बाद एक बार फिर से सावन मेला की रौनक कांवरिया पथ पर दिख रही है. कांवरिया पथ पर हर सावन लोगों को एक महिला डाक बम का इंतजार जरूर रहता है. कृष्णा बम अब किसी पहचान की मोहताज नहीं. श्रावणी मेला में कांवरिया पथ पर उनकी एक झलक पाने को लोग बेताब रहते हैं. लेकिन इस बार श्रावण मास में कृष्णा बम उर्फ माता बम के भक्तों के लिये निराशाजनक खबर है.
25 जुलाई सोमवार को जल भरेंगी कृष्णा बम
कृष्णा बम बाबा बैद्यनाथ को पावन सावन मास के प्रत्येक सोमवार को जल अर्पण करती रही हैं. लेकिन इस बार वो प्रत्येक सोमवार को जलार्पण नहीं करेंगी. इस वर्ष वे सिर्फ एक मंगलवार को बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग पर जलार्पण करेंगी. आगामी 25 जुलाई सोमवार को कृष्णा बम उत्तरवाहिनी गंगा सुल्तानगंज घाट से जल उठाकर 26 जुलाई मंगलवार को बाबा बैद्यनाथ को जलाभिषेक करेंगी.
कृष्णा बम को विशेष सुविधा से रखा गया था वंचित
वर्तमान में कृष्णा बम उज्जैन की यात्रा पर हैं. वहां पूजा-अर्चना करके वे आगामी 22 जुलाई को अपने घर मुजफ्फरपुर वापस लौटेंगी. प्रभात-खबर से बातचीत के दौरान कृष्णा बम ने उक्त जानकारी दी. विदित हो कि वर्ष 2019 के प्रथम सोमवार को बाबा मंदिर परिसर में कृष्णा बम को विशेष सुविधा से वंचित कर दिया गया था. मंदिर के गर्भ-गृह में जलार्पण से वंचित रहने के कारण उन्होंने नम आंखों से बाबा मंदिर के पंचशूल को ही ध्यान लगाकर अपने संकल्प जल को अर्पित कर दिया था.
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कृष्णा बम का संकल्प
विदित हो कि हर साल सावन मास में प्रत्येक सोमवारी डाक बम बनकर सर्वव्यापी शिव पर जलाभिषेक करने के संकल्प का वर्ष 2018 में उन्होंने 38वां वर्ष पूरा किया था. इस बार 2022 में वो फिर से एक बदले प्रोग्राम के तहत कांवरिया पथ पर रहेंगी.
कृष्णा बम का सफर
विदित हो कि मुजफ्फरपुर निवासी कृष्णा बम प्रत्येक सोमवारी को डाक कांवर चढ़ाने का संकल्प 1985 व 2004ई में भी पूरा किया था. इन वर्षों में मलमास के कारण नौ सोमवारी पड़ा था. गत 27 मार्च 2006 को उन्होंने सुल्तानगंज से बाबाधाम की दूरी दंड देकर भी पूरा की है. मुजफ्फरपुर से साइकिल द्वारा 11 बार वैष्णो देवी व एक बार कामख्या देवी की यात्रा पूरी कर पूजा-अर्चना कर चुकी हैं.
Published By: Thakur Shaktilochan